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पाकिस्तान को धूल चटाने वाली सोनम यादव ऐसे बनीं यूथ आइकॉन; जानिए मजदूर पिता की बेटी की संघर्ष गाथा - UNDER 19 WOMEN ASIA CUP

मलेशिया में हुए मैच में सोनम की शानदारी गेंदबाजी के कारण पाकिस्तान को मिली शिकस्त. उम्दा प्रदर्शन से सबका दिल जीता.

फिरोजाबाद की क्रिकेटर सोनम यादव की संघर्ष गाथा.
फिरोजाबाद की क्रिकेटर सोनम यादव की संघर्ष गाथा. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 17, 2024, 2:00 PM IST

फिरोजाबाद:मलेशिया में खेले जा रहे अंडर-19 महिला क्रिकेट एशिया कप में सोनम यादव के शानदार परफॉर्मेंस के कारण भारत ने पाकिस्तान को पटखनी दे दी. सोनम ने 4 ओवर में मात्र 6 रन दिए और 4 विकेट झटक लिए. सोनम की धारदार गेंदजाबाजी के आगे पाकिस्तान की टीम 67 रन पर ही ढेर हो गई. 15 दिसंबर को हुए इस मैच के बाद सोनम अचानक सुर्खियों में आ गई हैं. सोनम आज यूथ आइकॉन हैं, और तमाम लड़कियां उनके जैसी ही बनना चाहती हैं. लेकिन फिरोजाबाद की इस बेटी की सफलता के पीछे एक लंबा संघर्ष छिपा है. आप भी जानिए, एक मजदूर पिता के नए कीर्तिमान बना रही बेटी की क्या है कहानी.

फिरोजाबाद की क्रिकेटर सोनम यादव की संघर्ष गाथा. (Video Credit; ETV Bharat)

पिता कारखाने में मजदूर:सोनम यादव फिरोजाबाद जिले की रहने वालीं है. उनके पिता मुकेश यादव एक कारखाने में मजदूरी करते हैं. रविवार को मलेशिया में हुए टूर्नामेंट के दौरान लोग टीवीव पर टकटकी लगाए रहे. सोनम के पिता मुकेश की तो खुसी का ठिकाना नहीं रहा. मुकेश अपनी बेटी की कामयाबी के पीछे उसकी मेहनत और लगन का बड़ा रोल बताते हैं. साथ ही बताते हैं कि परिवार संघर्ष के दिनों में हमेशा सोनम के साथ खड़ा रहा. मुकेश के मुताबिक, शुरुआत में तो समाज के लोग सोनम को लेकर तरह-तरह की बातें करते थे. जैसे कि इस लड़की की शादी कैसे होगी. लड़की होकर क्रिकेट कैसे खेलेगी. लेकिन, इन बातों ने ही सोनम को हिम्मत दी.

ऐसे मिली कामयाबी:सोनम यादव के पूर्व कोच विकास पालीवाल बताते हैं कि साल 2015 में जब हमने एकेडमी खोली तब यह बच्ची हमारे सम्पर्क में आई. उस दौरान एकेडमी में कोई लड़की क्रिकेट नहीं खेलती थी. सोनम ने लड़कों के साथ ही खेलना शुरू किया. साल 2017 में सोनम ने कानपुर में ट्रायल में हिस्सा लिया, जिसके बाद यह सिलेक्शन उत्तर प्रदेश की महिला अंडर 16 टीम में हुआ. जिसमें टीम विजेता रही. यह सफर चलता रहा. साल 2018 में इसे यूपी की अंडर 19 और फिर 2020 में इसे सीनियर वूमेन्स टीम में खेलने का मौका मिला. सोनम ने ZCA और NCA कैम्प में हिस्सा लिया, जिसके बाद इसका चयन इंडिया की टीम में हुआ. सोनम को अक्टूबर 2023 में अंडर 19 टी-20 में खेलने का मौका मिला. आज सोनम इस मुकाम पर पहुंची है, यह देखकर खुशी होती है.

सोनम के उम्दा प्रदर्शन ने सबका दिल जीता:जब सोनम गुप्ता का चयन पिछले दिनों इंडिया टीम अंडर 19 टीम में हुआ था तो वह फिरोजाबाद आईं. उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत हुआ था. 15 दिसम्बर को भारत और पाकिस्तान के मध्य मैच था. सोनम के खेल को देखने के लिए उनके परिजन और फॉलोअर्स टीवी पर टकटकी लगाकर देखते रहे. इस मैच में सोनम ने चार ओवर में चार विकेट लेकर मात्र छह रन दिए, जिससे पाकिस्तान की टीम महज 67 रन पर ही आउट हो गई. इस तरह भारत ने यह मैच जीत लिया. सोनम के उम्दा प्रदर्शन ने सबका दिल जीत लिया. सोनम इससे पहले साल 2023 में महिला अंडर 19 विश्वकप भी खेल चुकीं है. सोनम के पिता मुकेश कुमार यादव को उम्मीद है कि सोनम एशिया कप भी जीतकर लाएंगी.

आज सबकी प्रेरणा बनीं सोनम:आज सोनम सबकी प्रेरणा बनी हैं. सोनम आज यूथ ऑइकॉन हैं और समाज के लोग उनसे मिलने-प्रेरणा लेने के लिए आते हैं. सोनम के पिता मुकेश ने बताया कि तमाम लड़कियां भी उससे प्रेरणा लेकर क्रिकेट की ट्रेनिंग ले रही है.फिलहाल आसपास की 20-25 लड़कियां एकेडमी जा रहीं है. सोनम के भाई अमन यादव बताते है कि उसे बचपन से ही क्रिकेट खेलने का काफी शौक था. वह बच्चों के साथ अक्सर खेला करती थी. अमन खुद भी उसके साथ खेलते थे.

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