नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) बोर्ड शुक्रवार (29 नवंबर) को वर्चुअल बैठक करेगा, जिसमें अगले साल पाकिस्तान में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के कार्यक्रम को अंतिम रूप देने पर फैसला किया जाएगा. कार्यक्रम को अंतिम रूप देने में देरी का कारण दरअसल भारत द्वारा दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए पाकिस्तान में खेलने से इनकार करना है.
हाइब्रिड मॉडल एक संभावित विकल्प है
आप को बता दें कि पाकिस्तान के पास चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी का अधिकार है और वह टूर्नामेंट को पूरी तरह से अपने देश में आयोजित करने पर अड़ा हुआ है. जबकि भारत द्वारा पाकिस्तान में खेलने के लिए सीमा पार जाने से इनकार करने के बाद, टूर्नामेंट आयोजित करने का संभावित विकल्प 'हाइब्रिड मॉडल' होगा. भारत ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद से पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है.
बीसीसीआई चाहता है कि टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल में खेला जाए, जिसमें भारत के खेल किसी तीसरे देश, यूएई में आयोजित किए जाएं, जिस पर उसके पाकिस्तानी समकक्ष ने अभी तक सहमति नहीं जताई है. जबकि पिछले साल, भारत द्वारा यात्रा करने से इनकार करने के बाद पाकिस्तान ने हाइब्रिड मॉडल में एशिया कप की मेजबानी की थी. भारत ने सेमीफाइनल और फाइनल सहित टूर्नामेंट के अपने सभी मैच श्रीलंका में खेले थे.
जय शाह 1 दिसंबर को आईसीसी अध्यक्ष का कार्यभार संभालेंगे
आईसीसी के प्रवक्ता के मुताबिक, "आईसीसी बोर्ड चैंपियंस ट्रॉफी के कार्यक्रम पर चर्चा करने के लिए 29 नवंबर को बैठक करेगा" यह महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक बीसीसीआई सचिव जय शाह के 1 दिसंबर को आईसीसी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने से दो दिन पहले हो रही है. वह और बोर्ड के अन्य सदस्य नई व्यवस्था के कार्यभार संभालने से पहले मामले को सुलझाने के इच्छुक होंगे.
आईसीसी के मौजूदा प्रबंधन पर सवाल क्यों उठ रहे हैं?
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के शेड्यूल और आयोजन स्थल को लेकर गतिरोध अभी भी खतम नहीं हुआ है, ऐसे में आईसीसी के मौजूदा प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं, जिसमें अध्यक्ष ग्रेग बार्कले और सीईओ भी शामिल हैं कि उन्होंने इस मुद्दे को पहले क्यों नहीं सुलझाया और इसे आखिरी समय तक टाल दिया.