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सावन में करें भोलेनाथ के इन दो ज्योतिर्लिंग के दर्शन, 12 ज्योतिर्लिंग के बराबर मिलेगा पुण्य लाभ - jyotirlingas darshan punya labh - JYOTIRLINGAS DARSHAN PUNYA LABH

सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना है. इस महीने शिव भक्त 12 ज्योतिर्लिंगों में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 2 ज्योतिर्लिंग ऐसे हैं जहां के दर्शन कर लेने से 12 ज्योतिर्लिंग के बराबर पुण्य लाभ मिलता है.

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सावन में करें ज्योतिर्लिंग के दर्शन (ETV Bharat Graphics)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 27, 2024, 11:52 AM IST

Updated : Jul 27, 2024, 12:11 PM IST

Jyotirlingas Darshan: सावन का महीना चल रहा है और सावन के महीने को शिवजी का महीना माना जाता है. इस महीने में भगवान भोलेनाथ की तरह-तरह से पूजा पाठ की जाती है. 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ता है. सावन का महीना सबसे पवित्र महीना माना गया है. देवशयनी एकादशी के बाद सावन का महीना शुरू होता है, जब भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं, और भगवान भोलेनाथ पर पूरे ब्रम्हांड का दायित्व रहता है.

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री (ETV Bharat)

दो ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का है बहुत महत्व
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि, ''शास्त्रों के अनुसार 12 ज्योतिर्लिंगों स्वंयभू स्थापित हुए हैं. वैसे तो सावन महीने में 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए शिव भक्तों का हुजूम उमड़ता है और 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन का बहुत पुण्य लाभ मिलता है. लेकिन अगर आप 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं, तो दो ज्योतिर्लिंग ऐसे हैं जिनके दर्शन कर लेने मात्र से ही बहुत पुण्य लाभ मिलता है.'' ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि, ''12 ज्योतिर्लिंगों में उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है. दूसरा महत्व है झारखण्ड राज्य के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ जी का है. वहां श्रावण महीने में लोग जल चढ़ाते हैं.''

सावन में महाकलेश्वर ज्योतिर्लिंग के करें दर्शन
ज्योतिष आचार्य कहते हैं, ''उज्जैन की बात करें तो सवान महीने में उज्जैन जाकर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन जरूर करें. मौका मिल जाए तो जल चढ़ाएं, मौका नहीं मिलता है तो वहां जाकर सुबह 4 से 6 के बीच में भस्म आरती के दर्शन करें. द्वितीय बेला 6 से लेकर 8 के बीच में उनके श्रृंगार का दर्शन करें, तीसरे प्रहर 9 से लेकर 12 बजे के बीच में उनके सभी रूपों का दर्शन करें. शाम के समय आरती का दर्शन करें. जो व्यक्ति इस तरह से चार बार महाकाल जी के दर्शन करता है तो 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के बराबर ही पूरा लाभ मिलता है. शास्त्रों में लिखा है कि बाबा महाकाल कालों के काल हैं, जो उनके दर्शन करता है, उनके हर कष्ट दूर होते हैं, शांति मिलती है, व्यक्ति का कल्याण होता है, पूरे परिवार का कल्याण होता है. सावन के महीने में महाकालेश्वर मंदिर में जाकर दर्शन करें. कुछ भी ना चढ़ाएं, पुष्प, फल, जल कुछ भी ना चढ़ाएं महज दर्शन मात्र कर लें तो पूरा पुण्य लाभ मिलता है.''

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बाबा वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन
ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि, ''दूसरा सावन महीने में बाबा वैद्यनाथ के दर्शन करें. इस समय लोग बड़ी संख्या में पहुंचकर पीतल में, तांबे में भरकर जल ले जाते हैं, वहां पर जल चढ़ाते हैं. वहां जल चढ़ाने का बड़ा महत्व है. सभी नदियों का, सभी सागरों का जल भरकर जो व्यक्ति बाबा वैद्यनाथ जी में जल चढ़ाता है, तो उनके ऊपर किसी भी ग्रहों की दृष्टि नहीं पड़ती है. उसका कल्याण होता है, मात्र जल चढ़ा देने से ही भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं, पूरे परिवार का कल्याण करते हैं. आशीर्वाद देते हैं और पूरे सावन महीने का पुण्यफल देते हैं.''

Last Updated : Jul 27, 2024, 12:11 PM IST

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