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मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान के लिए उमड़ी भीड़, आज के दिन क्या करें क्या नहीं? जानें सब कुछ - MAUNI AMAVASYA 2025

आज मौनी अमावस्या है. इस दिन गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. जानें शुभ मुहूर्त..

Mauni Amavasya 2025
मौनी अमावस्या आज (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 29, 2025, 6:47 AM IST

पटना: सनातन धर्म में मौनी अमावस्याका विशेष महत्व है. इस दिन का महत्व ध्यान, तपस्या, साधना और योग के लिए अधिक है. धर्म के ज्ञाताओं का मानना है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान से पुण्य की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप मिटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है लेकिन स्नान का भी नियम है कि स्नान से पहले मौन धारण करना रहता है और कई लोग पूरे दिन मौन व्रत धारण करते हैं.

पूरे दिन स्नान का है महत्व:पंडित प्रेमसागर पांडे ने बताया कि मौनी अमावस्या का दिन ऋषि मुनियों की तपस्या और साधना की स्मृति को समर्पित है. हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन प्रथम पुरुष मनु ने मौन व्रत का धारण किया था. इस दिन सूर्योदय 7:11 पर हो रहा है और स्नान का शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त से प्रारंभ हो रहा है, जो पूरे दिन रहेगा.

पवित्र नदी में स्नान से पुण्य की प्राप्ति (ETV Bharat)

कुंभ दान का विशेष महत्व:प्रेमसागर पांडे ने बताया कि इस दिन कुंभ दान का विशेष महत्व होता है. कुंभ का अर्थ होता है कलश और इस दिन गंगा नदी में मिट्टी के कलश में तिल अन्य और खरा हल्दी इत्यादि वस्तुओं को मिट्टी कलश में रखकर गंगा नदी में प्रवाहित किया जाता है. इस दिन दान पुण्य करने से पितरों से आशीर्वाद प्राप्त होता है.

मौनी अमावस्या का विशेष महत्व (ETV Bharat)

मौन साधना से प्राप्त होती है आंतरिक ऊर्जा:पंडित प्रेमसागर पांडे ने बताया कि मौनी शब्द का अर्थ है मौन रहना. अध्यात्म में मौन रहने का विशेष महत्व है और मौन रहना एक आध्यात्मिक साधना की तरह है. इस दिन आत्म संयम प्राप्त करने के लिए लोग मौन साधना करते हैं. दिनभर कुछ नहीं बोलना होता है और भगवान विष्णु का ध्यान करना होता है. मन में भगवान विष्णु के 108 नाम का जाप करें, तो काफी आंतरिक ऊर्जा प्राप्त होती है. यह ध्यान साधना का सबसे उत्तम दिन माना जाता है.

पवित्र नदी में स्नान से पुण्य की प्राप्ति (ETV Bharat)

"इस बार मौनी अमावस्या के मौके पर चंद्रमा और सूर्य मकर राशि में रहेंगे, जबकि गुरु वृषभ राशि में स्थित रहेंगे. इसके कारण इस दिन का महत्व अधिक बढ़ गया है."-पंडित प्रेमसागर पांडे, आचार्य

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