हैदराबादः हिंदू परंपराओं के अनुसार, कुछ महत्वपूर्ण त्योहारों पर व्रत रखने की प्रथा है. लेकिन शेष दिनों का क्या, शास्त्रों के अनुसार कार्तिक माह में व्रत करना सबसे अधिक फलदायी होता है. आइए जानते हैं कि उपवास वास्तव में क्या है? कार्तिकमास व्रत का फल कितना लाभदायी होता है.
लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि ऐसे लोग हैं जो पूरे कार्तिक महीने में केवल एक बार भोजन करते हैं, ऐसे लोग हैं जो केवल सोमवार और कार्तिका पूर्णिमा को उपवास करते हैं. वहीं, कुछ ऐसे लोग भी हैं जो एकादशी तिथि को उपवास करते हैं. मान्यता है कि व्रत भक्त को भगवान के करीब ले जाता है. इसलिए व्रत इतना खास है.
उपवास क्या है?
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि उपवास में 'उप' का अर्थ है भगवान के करीब रहना और 'वास' का अर्थ है भगवान के पास बैठना. उपवास तब होता है जब हम अपनी दैनिक गतिविधियां सामान्य रूप से करते हैं लेकिन अपना मन भगवान पर केंद्रित रखते हैं. उपवास का अर्थ केवल भोजन या पेय से परहेज करना नहीं है. यह मन और इंद्रियों पर संयम रखना है. परहेज पूर्ण या आंशिक भी हो सकता है. वहीं अल्प अवधि या लंबे अवधि के लिए रखा जा सकता है. कभी-कभी कुछ-कुछ अवधि के लिए विराम लेकर करते हैं.
कार्तिक सोमवार की पूजा-विधि
कार्तिक मास में सोमवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए और मंदिर या घर के पूजा घर की सफाई करनी चाहिए. शिवलिंग या शिव पार्वती के चित्र को चंदन और केसर से सजाएं. दीप दान करना चाहिए. यदि घर में छोटा शिवलिंग है तो उसका पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए. इस अवसर पर श्री शिव अष्टोत्तर का पाठ और पूजा की जानी चाहिए. इसके बाद भगवान शिव को फल और नारियल अर्पित करना चाहिए.
संध्या पूजा
शाम को स्नान करके हमेशा की तरह घर में पूजा करें और घर की दहलीज पर दीपक जलाएं. नजदीकी शिव मंदिर में जाकर भगवान ईश्वर के दर्शन करें और हो सके तो शिव मंदिर में दीपक भी जलाएं. नक्षत्र दर्शन के बाद भोजन करना चाहिए और व्रत खोलना चाहिए. इस प्रकार कार्तिक माह के सभी सोमवार का व्रत कर सकते हैं.
व्रत का फल
कार्तिकपुराण में कहा गया है कि यदि आप कार्तिक माह में प्रत्येक सोमवार का व्रत करेंगे और नक्षत्र दर्शन के बाद भोजन करेंगे तो आपको शिव सायुज्य की प्राप्ति होगी.
उपवास के पीछे का विज्ञानःपूजा-पाठ के नाम पर हमारे बुजुर्गों द्वारा बताए गए नियमों के पीछे अवश्य ही विज्ञान है. यह सोचना गलत है कि उपवास सिर्फ ईश्वर के लिए है. व्रत करना सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है. इसके कुछ प्रमुख फायदे-
पाचन तंत्र के लिए साप्ताहिक अवकाश
आयुर्वेद के अनुसार अगर हमें अच्छा स्वास्थ्य चाहिए तो हमारे पाचन तंत्र को भी सप्ताह में एक दिन आराम करना चाहिए. हम जो भोजन नियमित रूप से खाते हैं उसे पचाने के लिए पाचन तंत्र को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. खाने के तुरंत बाद नींद आने का भी यही कारण है. यदि हम सप्ताह में एक बार उपवास करते हैं, तो हमारा पाचन तंत्र फिर से सक्रिय हो जाएगा और शरीर की जड़ों में मौजूद दोषों से लड़ेगा और उन्हें विकारों में बदलने से रोकेगा.