Belpatra Importance in Sawan:सावन के महीने की शुरूआत होने जा रही है. सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को पड़ रहा है और इस बार का सावन तो बहुत विशेष है क्योंकि इस बार के सावन में 5 सोमवार पड़ रहे हैं. सोमवार से ही सावन महीने की शुरुआत हो रही है और सोमवार को ही सावन महीना समाप्त हो रहा है. कई ऐसे योग बन रहे हैं, जो इस बार सावन को बहुत विशेष बना रहे हैं. सावन के महीने को भगवान भोलेनाथ की भक्ति का महीना माना जाता है और शिवजी पर बेलपत्र चढ़ाना बहुत ही पुण्य का काम माना जाता है. शास्त्रों में ऐसा उल्लेख है कि अगर शिवजी को बेलपत्र अर्पित किए जाएं तो भगवान भोलेनाथ बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं.
सावन में शिवजी को करें बेलपत्र अर्पित
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्रीबताते हैं कि "भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र बहुत पसंद है और अगर कोई भक्त उन पर बेलपत्र अर्पित करता है तो भगवान भोलेनाथ बहुत जल्द उन पर प्रसन्न हो जाते हैं. ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि सावन का महीना अब शुरू होने को है और सावन महीने में भगवान भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र चढ़ाने का विशेष महत्व बताया गया है. सावन सोमवार पर बेलपत्र चढ़ाना और ज्यादा फलदाई बताया गया है."
- बेलपत्र तीन पत्ते वाले हों, कटे फटे ना हों, सुंदर हों,हरे पत्ते हों और सूखे पत्ते ना हों.
- बेलपत्र के हर पत्ते में राम-राम लिख कर ओम नमः शिवाय का उच्चारण करते हुए शिवजी को चढ़ाएं तो शिव जी बहुत प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा अपने भक्तों पर बरसती रहती है.
- बेलपत्र विशेषकर सोमवार को 11, 21 या 51 या 108 बेलपत्र चढ़ाऐं तो भगवान का विशेष फल मिलता है. इतना उपलब्ध न हो सके तो 3, 5, या 11 बेलपत्र भोलेनाथ को अर्पित करें. जिससे शिव जी बहुत प्रसन्न होते हैं.
- बेल पत्र की चिकनी सतह वाली साइड से शिवलिंग को स्पर्श कराकर अर्पित करना चाहिए.
सोमवार को भूलकर भी न तोड़ें बेलपत्र
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्रीकहते हैं कि "सोमवार के दिन भूलकर भी बेलपत्र ना तोड़े क्योंकि शास्त्रों में ये उल्लेख है कि सोमवार को भगवान भोलेनाथ का इन बेलपत्रों पर निवास होता है, इसलिए सोमवार को बेलपत्र तोड़ने की परंपरा नहीं है. इसके लिए एक दिन पहले ही बेलपत्र तोड़ लें क्योंकि बेलपत्र को 3 दिन तक शुद्ध माना गया है. 3 दिन तक इस बेलपत्र को आप भगवान भोलेनाथ पर अर्पित कर सकते हैं.