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ये हरतालिका तीज होगी खास, बन रहा अमृत सिद्ध योग, जानिए किस प्रहर में लगाएं कौन सा भोग - Hartalika Teej Special Yoga

6 सितंबर को हरतालिका तीज का व्रत है. इस व्रत को महिलाएं और लड़कियां निर्जला रखती हैं. इस बार हरतालिका तीज पर विशेष योग बन रहे हैं. आपको बता दें यह व्रत बहुत ही कठिन होता है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानिए चार प्रहर की पूजा कैसे करें और कौन सा भोग लगाएं.

HARTALIKA TEEJ SPECIAL YOGA
हरतालिका तीज पर बन रहा अमृत सिद्ध योग (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 5, 2024, 10:43 PM IST

Hartalika Teej Special Yoga:हरतालिका तीज का त्योहार 6 सितंबर को मनाया जाना है. जिसकी तैयारियां बाजार में जोरों पर देखने को मिली. पिछले कई दिनों से महिलाएं इसकी तैयारी में जुटी हुई थीं. हरतालिका तीज में इस बार कई विशेष योग भी बन रहे हैं. जिसकी वजह से इस बार का तीज बहुत ही फलदाई माना जा रहा है. साथ ही ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानेंगे कि चार प्रहर की पूजा में किस प्रहर में किसका भोग लगायें. जिससे भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होंगे.

जानिए किस प्रहर में लगाएं कौन सा भोग (ETV Bharat)

कौन-कौन से योग बन रहे

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि 'तीज में हस्त नक्षत्र होना चाहिए, तो इस बार के तीज में हस्त नक्षत्र मिल रहा है. अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है, इसलिए दो योग बनने के कारण यह विशेष फलदाई माना जा रहा है, जो माताएं तीजा का व्रत करती हैं, वो सौभाग्यवती बनी रहती हैं. जो लड़कियां तीज का व्रत करती हैं, उनको उत्तम वर की प्राप्ति होती है. घर में सुख शांति बनी रहती है.

चार प्रहर में लगाएं ये भोग

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि तीज में चार प्रहर की पूजा का विधान होता है. तीज में चार प्रहर की पूजा होती है. प्रथम प्रहर की पूजा शाम 6:00 बजे से 9 के बीच में होती है. दूसरे प्रहर की रात 9 से 12 के बीच, तीसरे प्रहर की पूजा रात 12 से 3 के बीच और चौथे प्रहर की पूजा 3 बजे से 6 बजे के बीच में होती है.

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चारों प्रहर में अलग-अलग भोग लगाने का भी विधान है, इनका भी ध्यान रखा जाना चाहिए.

  1. प्रथम प्रहर में फल का भोग लगाएं, दूसरे प्रहर की पूजा में पूड़ी-सब्जी, गुझिया या अन्य जो भी अधिक से अधिक पकवान हो सके उनका भोग लगाएं.
  2. तीसरे प्रहर में काजू, किशमिश, बादाम, छुहारा ,सूखे मेवों यानि ड्राई फ्रूट्स का भोग लगाएं.
  3. फिर प्रातः कालीन चौथे प्रहर में फल दूध शक्कर गुड़ मीठा पेय पदार्थ रख करके भगवान को अर्पण करें. हवन करें और हवन करने के बाद विसर्जन करें.
  4. विसर्जन के बाद पूरी सामग्री रखकर के जल में विसर्जित करें और वहां से आकर सभी लोग पंडितों को दान दक्षिणा दें, साथ में बैठकर भोजन करें.

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