नई दिल्ली: अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान सोमवार को भारत की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे. वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले से ही सऊदी अरब के रियाद में हैं, जहां वे पहली बार इंडिया-गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल परिषद (GCC) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे.
सऊदी अरब की अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर जीसीसी सदस्य देशों - बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के विदेश मंत्रियों के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, भारत और जीसीसी के बीच राजनीतिक, व्यापार और निवेश, ऊर्जा सहयोग, सांस्कृतिक और लोगों के बीच आपसी संबंधों सहित कई क्षेत्रों में गहरे और बहुआयामी संबंध हैं.
बयान में कहा गया है, "जीसीसी क्षेत्र भारत के लिए एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार के रूप में उभरा है और यहां लगभग 8.9 मिलियन की संख्या में भारतीय प्रवासी समुदाय रहता है. विदेश मंत्रियों की बैठक भारत और जीसीसी के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संस्थागत सहयोग की समीक्षा करने और उसे गहरा करने का अवसर होगी."
भारत और जीसीसी देशों के बीच संबंध पिछले कुछ साल में काफी मजबूत हुए हैं, जो नई दिल्ली की सबसे महत्वपूर्ण विदेश नीति प्राथमिकताओं में से एक बन गया है. इन संबंधों की विशेषता गहरी ऐतिहासिक जड़ें, मजबूत आर्थिक कॉन्टेक्ट और रणनीतिक सहयोग है.
जीसीसी भारत के लिए एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार के रूप में उभरा है और इसमें एक महत्वपूर्ण निवेश भागीदार के रूप में भी अपार संभावनाएं हैं, जो जीसीसी देशों द्वारा भारत में निवेश की घोषणाओं से स्पष्ट है. खासकर यूएई और सऊदी अरब. जीसीसी के पर्याप्त तेल और गैस भंडार भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए अत्यधिक महत्व रखते हैं.
राजनीतिक चर्चा
पहली बार इंडिया-जीसीसी राजनीतिक चर्चा 26 सितंबर, 2003 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान आयोजित की गई थी. दोनों पक्षों ने इस संवाद के महत्व को पहचाना, जिसने इंडिया-जीसीसी संबंधों में एक नए युग की शुरुआत की. भारत और जीसीसी ने 10 सितंबर, 2022 को जयशंकर की रियाद यात्रा के दौरान परामर्श के तंत्र पर एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए.
एमओयू विदेश मंत्री और जीसीसी देशों के विदेश मंत्रियों या वरिष्ठ अधिकारियों के बीच वार्षिक संवाद के लिए एक रूपरेखा तैयार करता है. समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद, पहली भारत-जीसीसी वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक 20 मार्च, 2023 को रियाद में आयोजित की गई थी. जयशंकर की सऊदी अरब की वर्तमान यात्रा इस समझौता ज्ञापन के अनुरूप है.