हर किसी के शरीर में दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल होते हैं- बैड कोलेस्ट्रॉल (कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन) जिसे एलडीएल कहा जाता है और गुड कोलेस्ट्रॉल (उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन) जिसे एचडीएल कहा जाता है. दोनों में एलडीएल मात्रा कम होना चाहिए. लेकिन, बदली जीवनशैली, खान-पान और बुरी लतों के कारण कई लोगों के शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ रहा है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों कहना है कि बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़े लेवल के चलते हृदय रोग और मस्तिष्क स्ट्रोक हो सकता है. ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि जब यह खतरा बढ़ता है तो शरीर के माध्यम से कुछ संकेत मिलते हैं. जैसे कि...
- हमारे शरीर में हाई एलडीएल लेवल के कारण पैर के नाखून नाजुक हो जाते है और टूटने लगते है. विशेषज्ञों का यह भी कहना हैं कि LDL की अधिक मात्रा के चलते नाखून धीरे-धीरे बढ़ते हैं.
- इसके साथ ही पैर के नाखून हल्के पीले भी हो जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि नाखूनों के बदरंग होने का एक कारण पैरों में ब्लड फ्लो का कम होना भी है.
- वहीं, हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण पैरों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और पैरों का रंग फीका पड़ जाता है.
- 2014 में 'जर्नल ऑफ द अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी' में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, शरीर में एलडीएल के हाई लेवल वाले लोगों में पीले नाखून होने की अधिक संभावना होती है. इस शोध में अमेरिका के न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में त्वचाविज्ञान के प्रोफेसर डॉ. मार्क एस. लियोनी' ने भाग लिया था.
- इसके अलावा नाखूनों पर नीले या काले धब्बों को भी खराब कोलेस्ट्रॉल स्तर के रूप में समझा जाता है.
शरीर के अलग-अलग अंग हमें बताते रहते हैं कि हम स्वस्थ हैं या नहीं. वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से पीड़ित लोगों में कुछ प्रकार के लक्षण देखे जा सकते हैं. यदि आप इन्हें नजरअंदाज करते हैं और इनकी उपेक्षा करते हैं, तो आपको चेतावनी दी जाती है कि भविष्य में हृदय रोग , ब्रेन स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप जैसी अन्य समस्याएं हो सकती है.