प्रसव के बाद महिलाओं का वजन बढ़ना शुरू हो जाता है. वजन बढ़ने से कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे प्रसवोत्तर थायराइड, तनाव, डायबिटीज, पीसीओएस आदि. इसलिए अगर आप डिलीवरी के बाद अपना वजन कम करना चाहती हैं तो अपनी डाइट में कुछ चीजें शामिल कर सकती हैं.
न्यूट्रिशनिस्ट वसुधा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने डिलीवरी के बाद वजन कम करने के लिए डाइट में कुछ खास फूड्स को शामिल करने की सलाह दी है और कुछ फूड्स से परहेज करने की भी बात कही है.
प्रसव के बाद वजन कम करने के लिए खाद्य पदार्थ
- प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ: दालें, पनीर, अंडे और अंकुरित अनाज प्रोटीन से भरपूर होते हैं। ये खाद्य पदार्थ ऊतकों के पुनर्निर्माण में मदद करते हैं और पेट को लंबे समय तक भरा रखते हैं. इसलिए, ये खाद्य पदार्थ वजन घटाने में सहायक हो सकते हैं.
- स्वस्थ वसा: स्वस्थ वसा से भरपूर घी, नारियल और मेवे हार्मोन संतुलन को बनाए रखते हैं और प्रसव के बाद बालों के झड़ने को रोकते हैं.
- लौह और कैल्शियम के स्रोत आयरन और कैल्शियम से भरपूर रागी, तिल और पत्तेदार सब्जियां हड्डियों को मजबूत रखती हैं और थकान से लड़ती हैं.
- हाइड्रेटिंग खाद्य पदार्थ: गर्म नींबू पानी, भिगोए हुए चिया बीज और नारियल पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं और सूजन को कम करते हैं.
ये खाद्य पदार्थ न खायें.
- प्रोसेस्ड शुगर: प्रोसेस्ड मिठाइयां और मीठी चाय इंसुलिन बढ़ाती हैं, जिससे वजन बढ़ता है.
- तले हुए नाश्ते: पकौड़े, समोसे और चिप्स पाचन क्रिया को धीमा कर देते हैं और सूजन बढ़ाते हैं.
- पैकेज्ड एवं प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: नूडल्स, बिस्कुट और प्रोसेस्ड चीज़ आंत के स्वास्थ्य को बिगाड़ते हैं और रिकवरी को धीमा कर देते हैं.
- बहुत अधिक कैफीन: बहुत अधिक कॉफी या चाय पीने से निर्जलीकरण हो सकता है और दूध की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है.
जरूरी है महिलाओं की पोस्टपार्टम केयर
महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विजयलक्ष्मी बताती हैं कि मां बनना किसी भी महिला के लिए सबसे खास अनुभव होता है. लेकिन बच्चे के जन्म के बाद का कुछ समय कई महिलाओं के लिए काफी कठिन भी होता है. प्रसव चाहे वेजाइनल हो या सिजेरियन, उसके कारण शरीर में होने वाली समस्याएं, बच्चे के जन्म के चलते शरीर में होने वाले बदलाव और उस पर कमजोर शरीर के साथ नवजात की देखभाल, ऐसे बहुत से कारण हैं जो प्रसव के बाद महिलाओं के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं.
चिकित्सकों का कहना है कि वैसे तो बच्चे के जन्म के बाद लंबे समय तक माता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है लेकिन बच्चे के जन्म के बाद के कुछ दिन जिसे प्रसवोत्तर स्थिति या पोस्टपार्टम टाइम भी कहा जाता है , उस समय महिलाओं को विशेष देखभाल व मदद की जरूरत होती है.