Birds Bathing : घर में पालतू पक्षियों को लोग जबरदस्ती नहलाते हैं, यहां तक की कुछ लोग उनके लिए शैंपू, सेवलॉन और डेटॉल का भी इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इस तरह पक्षियों को नहलाना घातक साबित हो सकता है. यहां तक कि इससे उन पक्षियों की मौत भी हो सकती है. ऐसे में पक्षियों को कैसे नहलाया जाए, उसे नहलाते समय किन बातों का ख्याल रखें. जिससे वह स्वस्थ, तंदुरुस्त रहे और ज्यादा दिनों तक जीवित रह सके. पक्षियों को कैसे नहलाया जाए इसे जानने के लिए ईटीवी भारत ने पशु चिकित्सक डॉक्टर संजय जैन से खास बातचीत की.
इस दौरान डॉ संजय जैन ने बताया कि लोग घरों में पक्षियों में ज्यादातर तोता और लव-बर्ड ही पालते हैं. कुछ जगह पर कबूतर भी पाले जाते हैं. उसके बाद लोग अपने-अपने पसंद से पक्षियों को रखते हैं. Veterinarian Dr Sanjay Jain ने कहा कि पक्षी आमतौर पर जंगल में रहने वाले जीव हैं. इनके रहन-सहन खानपान का विशेष ख्याल रखना चाहिए. जिस ढंग से यह जंगल के वातावरण पर जीते और रहते हैं वैसा ही माहौल रखें, तो यह हमारे बीच ज्यादा दिन तक जीवित रहेंगे.
डॉ संजय जैन ने बताया की कई बार हम अपनी पसंद इन पर लादते हैं, और बहुत खुश होकर बताते हैं कि डॉक्टर साहब सुबह हमारे 'बच्चे' ने चाय-रोटी खाई, दूध भी पीता है, छेना भी खाता है, घी के बिना तो रोटी खाता ही नहीं है, यह बातें आपको खुशी दे सकती हैं, कि आप जो देते हैं वह खाता है. लेकिन यह सभी चीज उसकी सेहत के लिए हानिकारक हैं, क्योंकि पक्षी जंगल में इन सारी चीजों के आदी नहीं होते हैं.
पक्षियों का खानपान : Dr Sanjay Jain ने कहा कि पक्षियों को दाल, चावल देना चाहिए. अंकुरित अनाज देना चाहिए, उबला चना दिया जा सकता है, लाल हरी मिर्च, सारे फल-सब्जी दिए जा सकते हैं. जिससे वह ज्यादा दिन तक आपके साथ जिएंगे ज्यादा अच्छे से रहेंगे. Veterinarian Dr Sanjay Jain ने बताया कि प्रायः यह भी देखा जाता है कि लोग हमारे पास पक्षियों को लेकर आते हैं, और कहते हैं कि सवेरे तक तो यह पक्षी अच्छा था, उसे अच्छे से नहला दिया है, लेकिन अब इसकी तबीयत खराब हो गई है, सांस नहीं ले पा रहा है. इस तरह घटनाओं से मैं कई बार बाकीफ हो चुका हूं.
पक्षियों को नहलाने का सही तरीका: Dr Sanjay Jain ने कहां की कि पक्षियों को आप अपने तरीके से न नहलायें, बल्कि एक टब में पानी रख दें, टब के किनारे पर पक्षी को बैठा दें, जब पक्षी को नहाना होगा तो वह खुद उसमें डूब कर नहा कर वापस आ जाएंगे. जैसा वे पक्षी जंगल, नदी, तालाब और कुआं में करते हैं, इस तरह से वह नहाने से कभी बीमार नहीं पड़ेंगे.