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पतली कमर न होने के कारण सरफराज के डेब्यू में हुई देरी, दिग्गज बोले- 'यो यो टेस्ट खत्म करो'

Sarfaraz khan: पूर्व भारतीय दिग्गज खिलाड़ी ने टीम में यो यो टेस्ट नहीं बल्कि, मानसिक मजबूती पर सेलेक्ट करने की सलाह दी.

Sarfaraz khan
सरफराज खान न्यूजीलैंड के खिलाफ शतकीय पारी खेलने के बाद जश्न मनाते हुए (ANI PHOTO)
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By ETV Bharat Sports Team

Published : 6 hours ago

नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व महान सुनील गावस्कर एक बार फिर फिटनेस के मुद्दों पर आलोचना करते हुए नजर आए. भारत बनाम न्यूजीलैंड के बीच खेले गए मुकाबले में सरफराज खान की शानदार बल्लेबाजी के बाद गावस्कर को फिर से फिटनेस मानकों पर बोलने का मौका मिल गया.

गावस्कर का मानना है कि घरेलू क्रिकेट में अपने बेहतरीन रिकॉर्ड के बावजूद सरफराज खान को पिछले कुछ सालों में टेस्ट टीम में जगह नहीं दी गई. बेंगलुरु टेस्ट में 150 रन बनाने वाले सरफराज को भारत की सफेद जर्सी पहनने का मौका पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा.

गावस्कर ने स्पोर्ट्स स्टार के अपने कॉलम में लिखा, घरेलू क्रिकेट में सैकड़ों रन बनाने के बावजूद सरफराज खान को पिछले कुछ सालों से भारतीय टीम में जगह नहीं मिल पा रही है. ऐसा मुख्य रूप से इसलिए हुआ क्योंकि निर्णय लेने की स्थिति में मौजूद लोगों का मानना ​​था कि उनके पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए जरूरी पतली कमर नहीं है.

सरफराज ने बल्ले से मैदान पर जो प्रदर्शन किया, वह उनकी कमर से भी ज़्यादा शानदार था. दुख की बात है कि भारतीय क्रिकेट में ऐसे कई निर्णय लेने वाले लोग हैं, जिनके विचार समझ पाना मुश्किल है.

उन्होंने पंत का भी उदाहरण दिया, 'ऋषभ पंत एक और खिलाड़ी हैं, जिनकी कमर पतली नहीं है, जैसा कि फिटनेस के मामले में लोग चाहते हैं, लेकिन वे एक प्रभावशाली खिलाड़ी हैं. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे पूरे दिन विकेटकीपिंग भी करते हैं, जिसके लिए उन्हें न केवल छह घंटे तक उठना-बैठना पड़ता है, बल्कि स्टंप्स पर दौड़कर गेंद को पकड़ना भी पड़ता है.

बता दें, सरफराज ने इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ भारत के लिए पदार्पण किया था, जब विराट कोहली और केएल राहुल जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी टीम से बाहर थे और श्रेयस अय्यर को बाहर कर दिया गया था. सरफराज ने अपने डेब्यू मैच की दोनों पारियों में अर्धशतक लगाकर अपनी कला का प्रदर्शन देश के सामने किया.

इसके बाद वह बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की प्लेइंग इलेवन में जगह पाने में असफल रहे क्योंकि टीम प्रबंधन ने केएल राहुल और शुभमन गिल को जगह दी. हालांकि, शुभमन गिल के चोटिल होने से सरफराज को न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए इलेवन में एक और मौका मिला सरफराज ने अपनी हिम्मत नहीं हारी और 150 रन बनाकर लाल गेंद के क्रिकेट में धमाकेदार पारी खेलने की अपनी क्षमता का परिचय दिया.

'यो-यो टेस्ट को खत्म करें': सुनील गावस्कर
गावस्कर ने बीसीसीआई को सलाह दी कि वे यो-यो टेस्ट को खत्म करें और खिलाड़ियों को उनकी मानसिक मजबूती के आधार पर चुनें. उन्होंने कहा, 'कृपया यो-यो टेस्ट को खत्म करें और इसके बजाय यह आकलन करें कि खिलाड़ी मानसिक रूप से कितना मजबूत है. यह खिलाड़ी की फिटनेस का सही संकेतक होगा.

अगर कोई खिलाड़ी पूरे दिन बल्लेबाजी कर सकता है या एक दिन में 20 ओवर गेंदबाजी कर सकता है, तो वह मैच के लिए फिट है, भले ही उसकी कमर कितनी भी पतली हो या न हो.

यह भी पढ़ें - सिंपल लाइफ, लेकिन महंगी कारों के शौकीन, जानिए कितने करोड़ के मालिक हैं सरफराज खान

नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व महान सुनील गावस्कर एक बार फिर फिटनेस के मुद्दों पर आलोचना करते हुए नजर आए. भारत बनाम न्यूजीलैंड के बीच खेले गए मुकाबले में सरफराज खान की शानदार बल्लेबाजी के बाद गावस्कर को फिर से फिटनेस मानकों पर बोलने का मौका मिल गया.

गावस्कर का मानना है कि घरेलू क्रिकेट में अपने बेहतरीन रिकॉर्ड के बावजूद सरफराज खान को पिछले कुछ सालों में टेस्ट टीम में जगह नहीं दी गई. बेंगलुरु टेस्ट में 150 रन बनाने वाले सरफराज को भारत की सफेद जर्सी पहनने का मौका पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा.

गावस्कर ने स्पोर्ट्स स्टार के अपने कॉलम में लिखा, घरेलू क्रिकेट में सैकड़ों रन बनाने के बावजूद सरफराज खान को पिछले कुछ सालों से भारतीय टीम में जगह नहीं मिल पा रही है. ऐसा मुख्य रूप से इसलिए हुआ क्योंकि निर्णय लेने की स्थिति में मौजूद लोगों का मानना ​​था कि उनके पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए जरूरी पतली कमर नहीं है.

सरफराज ने बल्ले से मैदान पर जो प्रदर्शन किया, वह उनकी कमर से भी ज़्यादा शानदार था. दुख की बात है कि भारतीय क्रिकेट में ऐसे कई निर्णय लेने वाले लोग हैं, जिनके विचार समझ पाना मुश्किल है.

उन्होंने पंत का भी उदाहरण दिया, 'ऋषभ पंत एक और खिलाड़ी हैं, जिनकी कमर पतली नहीं है, जैसा कि फिटनेस के मामले में लोग चाहते हैं, लेकिन वे एक प्रभावशाली खिलाड़ी हैं. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे पूरे दिन विकेटकीपिंग भी करते हैं, जिसके लिए उन्हें न केवल छह घंटे तक उठना-बैठना पड़ता है, बल्कि स्टंप्स पर दौड़कर गेंद को पकड़ना भी पड़ता है.

बता दें, सरफराज ने इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ भारत के लिए पदार्पण किया था, जब विराट कोहली और केएल राहुल जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी टीम से बाहर थे और श्रेयस अय्यर को बाहर कर दिया गया था. सरफराज ने अपने डेब्यू मैच की दोनों पारियों में अर्धशतक लगाकर अपनी कला का प्रदर्शन देश के सामने किया.

इसके बाद वह बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की प्लेइंग इलेवन में जगह पाने में असफल रहे क्योंकि टीम प्रबंधन ने केएल राहुल और शुभमन गिल को जगह दी. हालांकि, शुभमन गिल के चोटिल होने से सरफराज को न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए इलेवन में एक और मौका मिला सरफराज ने अपनी हिम्मत नहीं हारी और 150 रन बनाकर लाल गेंद के क्रिकेट में धमाकेदार पारी खेलने की अपनी क्षमता का परिचय दिया.

'यो-यो टेस्ट को खत्म करें': सुनील गावस्कर
गावस्कर ने बीसीसीआई को सलाह दी कि वे यो-यो टेस्ट को खत्म करें और खिलाड़ियों को उनकी मानसिक मजबूती के आधार पर चुनें. उन्होंने कहा, 'कृपया यो-यो टेस्ट को खत्म करें और इसके बजाय यह आकलन करें कि खिलाड़ी मानसिक रूप से कितना मजबूत है. यह खिलाड़ी की फिटनेस का सही संकेतक होगा.

अगर कोई खिलाड़ी पूरे दिन बल्लेबाजी कर सकता है या एक दिन में 20 ओवर गेंदबाजी कर सकता है, तो वह मैच के लिए फिट है, भले ही उसकी कमर कितनी भी पतली हो या न हो.

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