मॉस्को: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को मॉस्को में द्विपक्षीय वार्ता की. बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-रूस के बीच मजूबत संबंधों पर चर्चा की. इस दौरान पीएम मोदी ने अपने दोस्त पुतिन का भव्य स्वागत और सम्मान के लिए आभार व्यक्त किया. पीएम मोदी ने कहा, भारत में आम चुनाव में हमें अभूतपूर्व जीत मिली. उसके बाद आपने जो शुभकामनाएं दीं, उसके लिए भी मैं आभार व्यक्त करता हूं. मार्च में भी आपने चुनावों में शानदार जीत दर्ज की थी. मैं आपको एक बार फिर बधाई देता हूं.
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शांति बहाली के लिए भारत हर तरह से सहयोग करने को तैयार है. मैं आपको और विश्व समुदाय को आश्वस्त करता हूं कि भारत शांति के पक्ष में है. कल अपने मित्र पुतिन को शांति के बारे में बात करते हुए सुनकर मुझे उम्मीद बंधी है. मैं अपने मीडिया मित्रों से कहना चाहूंगा- यह संभव है.
पीएम मोदी ने की आतंकवाद की निंदा
मोदी ने कहा कि पिछले 40-50 सालों से भारत आतंकवाद का सामना कर रहा है. हम 40 सालों से देख रहे हैं कि आतंकवाद कितना भयानक और घिनौना है. इसलिए जब मॉस्को में आतंकी घटनाएं हुईं, जब दागिस्तान में आतंकी घटनाएं हुईं, तो मैं कल्पना कर सकता हूं कि इसका दर्द कितना गहरा होगा. मैं सभी तरह के आतंकवाद की कड़ी निंदा करता हूं.
संघर्ष में बच्चों की मौतें दिल दहला देने वाली...
प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से कहा कि पिछले डेढ़ दशक से रूस और आपके साथ मेरे संबंध हैं. करीब 10 सालों में हम 17 बार मिले हैं. पिछले 25 सालों में हमने करीब 22 द्विपक्षीय बैठकें की हैं. यह हमारे संबंधों की गहराई को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि चाहे युद्ध हो, संघर्ष हो, आतंकी हमले हों - जब लोगों की जान जाती है तो मानवता में विश्वास रखने वाला हर व्यक्ति दुखी होता है. लेकिन जब मासूम बच्चों की हत्या होती है, जब हम मासूम बच्चों को मरते हुए देखते हैं, तो यह दिल दहला देने वाला होता है. यह बहुत बड़ी पीड़ा है. मैंने इस पर आपके साथ विस्तृत चर्चा भी की है.
भारत-रूस समझौते ने ईंधन बाजार को स्थिरता प्रदान की
पीएम मोदी ने पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद दोनों देशों के बीच ईंधन समझौते की सराहना करते हुए कहा कि इससे वैश्विक बाजार में स्थिरता लाने में मदद मिली है. उन्होंने कहा कि दुनिया के सामने ईंधन की बड़ी चुनौती थी. ऐसे समय में रूस के सहयोग से हम आम जनता को पेट्रोल-डीजल से जुड़ी परेशानियों से बचाने में सफल रहे. इतना ही नहीं, दुनिया को यह स्वीकार करना होगा कि भारत और रूस के बीच ईंधन को लेकर हुए समझौते ने अप्रत्यक्ष रूप से वैश्विक बाजार को स्थिरता दी है.
बता दें, 2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं. लेकिन भारत ने ईंधन की घरेलू कीमतों को स्थिर रखने के लिए रूस से तेल खरीदना जारी रखा है.
'मेक इन इंडिया' का समर्थन करने के लिए पुतिन को धन्यवाद
प्रधानमंत्री मोदी ने 'मेक इन इंडिया' पहल की प्रशंसा करने और भारत में विनिर्माण अवसरों के विस्तार में मदद करने के लिए राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन ने कई मंचों पर 'मेक इन इंडिया' पहल की प्रशंसा की है और भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए हैं. इससे युवाओं के लिए नए अवसर पैदा हुए हैं और विकास के नए क्षेत्र खुले हैं.
दोनों देशों के सहयोग ने किसानों को उर्वरक संकट से बचाया
पीएम मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत-रूस के बीच सहयोग के कारण किसानों को उर्वरक के संकट का सामना नहीं करना पड़ा. उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल पूरी दुनिया और पूरी मानव जाति के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण रहे. हमें कई समस्याओं से गुजरना पड़ा. पहले कोविड महामारी और फिर दुनिया के विभिन्न हिस्सों में संघर्ष और तनाव ने मानव जाति के लिए कई समस्याएं पैदा कीं. ऐसी स्थिति में भी जब दुनिया खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से जूझ रही थी, भारत-रूस के बीच सहयोग के कारण हमने अपने देश के किसानों को उर्वरक का संकट नहीं आने दिया. हमारी दोस्ती ने इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. हम किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध हैं. आने वाले दिनों में हम चाहेंगे कि रूस के साथ हमारा सहयोग किसानों के हित में और आगे बढ़े.
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