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कनाडा चुनाव में चीन का हस्तक्षेप, ट्रुडो ने साध ली चुप्पी - election interference canada

कनाडा के चुनाव में चीन ने हस्तक्षेप किया है, लेकिन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने इस पर चुप्पी साध रखी है. उन्होंने एक आयोग के सामने पेश होते हुए संबंधित आरोपों पर कुछ नहीं कहा. जबकि यही ट्रुडो भारत को लेकर आक्रामक रहे हैं.

CHINA ELECTION INTERFERENCE CANADA
कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो. (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 12, 2024, 1:56 PM IST

नई दिल्ली: चीन ने कनाडा के पिछले दो चुनावों में हस्तक्षेप करने की कोशिश की लेकिन परिणाम प्रभावित नहीं हुए. प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक आधिकारिक जांच में बताया कि यह 'विचित्र' था कि चीन ने किसी एक पार्टी को दूसरी पार्टी के मुकाबले तरजीह दी. 2019 और 2021 के कनाडाई चुनावों में कथित विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच करने वाले एक आयोग के समक्ष शपथ ग्रहण में, ट्रूडो ने उन्हें प्राप्त खुफिया ब्रीफिंग के बारे में सवालों के जवाब दिए और कहा कि चुनाव 'स्वतंत्र और निष्पक्ष' थे.

इस बारे में एक्स पर पोस्ट करते हुए रणनीतिक विचारक, लेखक और टिप्पणीकार ब्रह्मा चेलानी ने कहा कि भारत के साथ विवाद में ट्रूडो ने खुफिया जानकारी पर भरोसा किया. जबकि वह अधूरी थी. लेकिन, कल गवाही देते हुए, उन्होंने कनाडाई जासूसी एजेंसी के आकलन को खारिज कर दिया कि चीन ने 2019 और 2021 के आम चुनावों में 'गुप्त और भ्रामक रूप से हस्तक्षेप किया' खासतौर से उनकी पार्टी का पक्ष लेने के लिए.

ट्रूडो ने कहा कि विदेशी राज्यों के हस्तक्षेप के प्रयासों के बावजूद, वे चुनाव अपनी ईमानदारी से संपन्न हुए. उनका निर्णय कनाडाई लोगों द्वारा किया गया था. चुनावों में चीन की संभावित भूमिका पर मीडिया रिपोर्टों से नाखुश विपक्षी विधायकों के दबाव में ट्रूडो ने पिछले साल आयोग का गठन किया था. एरिन ओ'टूल, जिन्होंने 2021 के अभियान के दौरान मुख्य विपक्षी रूढ़िवादी पार्टी का नेतृत्व किया था, ने अनुमान लगाया है कि चीनी हस्तक्षेप से उनकी पार्टी को नौ सीटों तक का नुकसान हुआ है, लेकिन उन्होंने कहा कि इससे चुनाव का रुख नहीं बदला. ट्रूडो की लिबरल पार्टी ने दोनों चुनाव जीते.

कनाडा में चीनी अधिकारियों की ओर से 2021 में उदार अल्पसंख्यक सरकार को प्राथमिकता देने की एक खुफिया रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर ट्रूडो ने कहा कि रिपोर्ट उन तक नहीं पहुंची है. बता दें कि खुफिया रिपोर्टों में कहा गया था कि चीन इस धारणा के कारण कि अल्पसंख्यक सरकारें चीन विरोधी नीतियों को लागू नहीं करेंगी, चीन ने कनाडा के चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की. ट्रूडो ने कहा कि हालांकि अलग-अलग (चीनी) अधिकारियों ने हमेशा ही कनाडा के चुनावों में रूचि दिखायी है. लेकिन यह असंभव है कि चीनी सरकार का कोई असर हमारे चुनाव में पड़ा होगा.

सोमवार को, कनाडा की घरेलू जासूसी एजेंसी ने आयोग को बताया कि चीन ने दोनों चुनावों में 'गुप्त और भ्रामक रूप से हस्तक्षेप किया'. एजेंसी ने कहा कि कनाडाई राजनीति में संदिग्ध चीनी हस्तक्षेप का अब तक का सबसे पुख्ता सबूत है. कनाडा में चीनी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा कि ट्रूडो ने पूछताछ की सुनवाई के दौरान चीन की 'बदनामी' की. 'चीन इसकी कड़ी निंदा करता है और इसका दृढ़ता से विरोध करता है'. गुरुवार को एक बयान के अनुसार, प्रवक्ता ने कहा कि कुछ राजनेताओं ने सार्वजनिक जांच में चीन को निशाना बनाने का प्रयास किया है और कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया है.

प्रवक्ता ने कहा कि चीन को कनाडा के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने में कभी कोई दिलचस्पी नहीं रही है. बीजिंग ने पहले कनाडाई मामलों में हस्तक्षेप के सभी आरोपों से इनकार किया है. प्रवक्ता ने कहा कि उसे ऐसा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है. कनाडा में चीनी कंपनी हुआवेई टेक्नोलॉजीज के एक कार्यकारी की गिरफ्तारी के बाद चीन में जासूसी के आरोप में दो कनाडाई लोगों की गिरफ्तारी को लेकर देशों के बीच उच्च तनाव के बीच चुनाव कराए गए. 2021 में तीनों को रिहा कर दिया गया. आयोग 3 मई तक प्रारंभिक रिपोर्ट पूरी करेगा और 2024 के अंत तक अपनी अंतिम रिपोर्ट देगा.

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