नई दिल्ली:भारत-फ्रांस रणनीतिक वार्ता के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा पर हैं. भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच मंगलवार को उन्होंने फ्रांस के सशस्त्र बल मंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नू से मुलाकात की. नई दिल्ली स्थित फ्रांसीसी दूतावास ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने बातचीत के दौरान द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को गहरा करने और अंतरिक्ष सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा की. साथ ही उभरते अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक परिदृश्य पर विचारों को साझा किया.
अपनी यात्रा के दौरान डोभाल ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के डिप्लोमेटिक एडवाइजर इमैनुएल बोने के साथ भी चर्चा की. वार्ता में द्विपक्षीय सहयोग और रणनीतिक महत्व के प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया गया, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत हुए हैं.
डोभाल का यह दौरा तब हुआ जब हाल ही में फ्रांस सरकार ने 26 राफेल मरीन जेट डील के संबंध में भारत को अंतिम मूल्य प्रस्ताव दिया. सूत्रों के अनुसार, फ्रांस ने भारतीय अधिकारियों को सबसे अच्छा और अंतिम मूल्य प्रस्ताव दिया है और प्रस्तावित अनुबंध में बातचीत के बाद परियोजना में बड़ी मूल्य कटौती की गई है.
नौसेना के लिए राफेल-मरीन जेट खरीदने की तैयारी
भारत अपनी नौसेना के लिए राफेल जेट के 26 नौसैनिक संस्करण खरीदने पर विचार कर रहा है, जिन्हें राफेल-मरीन जेट के नाम से जाना जाता है. भारतीय नौसेना अपने पुराने हो चुके विमानवाहक जेट, खासकर MiG-29K को बदलना चाहती है. राफेल-एम जेट को भारत के आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य जैसे विमानवाहक पोतों से संचालित किया जाएगा. भारत के नौसेना आधुनिकीकरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में राफेल-एम जेट के सौदे पर चर्चा चल रही है. पिछले हफ्ते इस डील को अंतिम रूप देने के लिए दोनों पक्षों के बीच अहम बातचीत हुई थी.
राफेल विमान डील के अलावा भारत और फ्रांस के बीच व्यापक रणनीतिक रक्षा साझेदारी है, जिसमें संभावित प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और भविष्य के सैन्य प्लेटफार्मों का सह-विकास शामिल है. यह सहयोग इंडो-पैसिफिक क्षेत्र तक फैला हुआ है, जहां दोनों देश स्थिरता बनाए रखना चाहते हैं और समुद्री हितों की रक्षा करना चाहते हैं.