स्टॉकहोम: रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने फिजिक्स के नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी है. 2024 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से जॉन जे. हॉपफील्ड और जेफ्री ई. हिंटन को 'आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क (कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क) के साथ मशीन लर्निंग को सक्षम करने वाली मूलभूत खोजों और आविष्कारों के लिए' दिया गया है.
नोबेल समिति ने कहा कि जॉन हॉपफील्ड और जेफ्री हिंटन की खोजों और आविष्कारों ने मशीन लर्निंग की आधारशिला रखी.
नोबेल समिति ने अपने बयान में कहा कि इस साल के दो नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने भौतिकी के उपकरणों का उपयोग करके ऐसे तरीके विकसित किए हैं जो आज की शक्तिशाली मशीन लर्निंग की नींव हैं. हॉपफील्ड प्रिंसटन विश्वविद्यालय में शोध करते हैं और हिंटन टोरंटो विश्वविद्यालय में रिसर्च करते हैं.
तीन वैज्ञानिकों ने स्पिनिंग इलेक्ट्रॉनों की सुपरफास्ट दुनिया की पहली झलक प्रदान करने के लिए पिछले साल का भौतिकी नोबेल जीता था. 2023 का पुरस्कार फ्रांसीसी-स्वीडिश भौतिक विज्ञानी ऐनी एल'हुइलियर, फ्रांसीसी वैज्ञानिक पियरे एगोस्टिनी और हंगरी में जन्मे फेरेनक क्राउज को दिया गया था.
मेडिसिन क्षेत्र का नोबेल भी दो वैज्ञानिकों को मिला...
नोबेल की घोषणा सोमवार से शुरू हुई. अमेरिकी वैज्ञानिक विक्टर एंब्रोस और गेरी रुवकोन को मेडिसिन और फिजियोलॉजी के क्षेत्र में साल 2024 का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई. माइक्रोआरएनए की खोज के लिए उन्हें यह सम्मान दिया जाएगा. नोबेल समिति ने कहा कि विक्टर एंब्रोस और गेरी रुवकोन की खोज जीवों के विकास और कार्य करने के तरीके के लिए मौलिक रूप से महत्वपूर्ण साबित हो रही है.
यह भी पढ़ें-अमेरिकी वैज्ञानिक विक्टर एंब्रोस और गेरी रुवकोन को चिकित्सा का नोबेल, माइक्रो RNA की खोज के लिए मिला सम्मान