वाशिंगटन:32 सदस्यीय नाटो ने बुधवार को रूस और चीन के बीच गहराते संबंधों और चीन के आक्रामक व्यवहार पर चिंता व्यक्त की. वाशिंगटन शिखर सम्मेलन घोषणापत्र में कहा गया है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) की घोषित महत्वाकांक्षाएं और दबावपूर्ण नीतियां हमारे हितों, सुरक्षा और मूल्यों को चुनौती देती रहती हैं.
घोषणापत्र में कहा गया है कि रूस और पीआरसी के बीच गहराती रणनीतिक साझेदारी और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को कमजोर करने और उसे नया आकार देने के उनके परस्पर-मजबूत प्रयास गंभीर चिंता का कारण हैं.
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की बैठक में भाग लेने वाले राष्ट्राध्यक्षों और सरकार की ओर से जारी घोषणापत्र में कहा गया है कि हम हाइब्रिड, साइबर, अंतरिक्ष और अन्य खतरों और राज्य और गैर-राज्य अभिनेताओं की दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों का सामना कर रहे हैं. इस बैठक के दौरान स्वीडन को अपने 32वें सदस्य देश के रूप में स्वागत किया गया.
इसमें कहा गया है कि फिनलैंड और स्वीडन का ऐतिहासिक प्रवेश उन्हें सुरक्षित बनाता है और गठबंधन को मजबूत बनाता है, जिसमें हाई नॉर्थ और बाल्टिक सागर भी शामिल हैं. घोषणापत्र में कहा गया है कि यूक्रेन पर रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण ने यूरो-अटलांटिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता को नष्ट कर दिया है.