नई दिल्ली/तेहरान/तेल अवीव: ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने भारत के अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों को लेकर टिप्पणी की. अब इसकी चारो तरफ कड़ी निंदा हो रही है. भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने खामेनेई के बयान को 'हास्यास्पद और पाखंडपूर्ण' बताया. वहीं भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि, अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी करने वाले देशों को दूसरों के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से पहले अपना 'रिकॉर्ड' देखना चाहिए.
इजराइल ने ईरान को दिया करारा जवाब
भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने कहा कि, जहां खामेनेई अन्य देशों को उपदेश देते हैं, वहीं खुद ईरान पर ही नागरिक स्वतंत्रता को कुचलने और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप है. इजराइली राजदूत ने पीटीआई से कहा कि, यह वास्तव में हास्यास्पद है कि यह कट्टरपंथी नेता दूसरों को उपदेश देने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि वह अपने ही लोगों को मार रहे हैं और उनकी स्वतंत्रता को कुचल रहे हैं, चाहे वह धार्मिक स्वतंत्रता हो या अभिव्यक्ति की आजादी हो.
अजार ने कहा, वह (खामेनेई) मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं, जो पूरी तरह से अपमानजनक है और हम आशा करते हैं कि ईरानी लोग एक दिन खामेनेई द्वारा किए जा रहे ऐसे उत्पीड़न और अत्याचार से मुक्त हो जाएंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, खामेनेई ने सोमवार को तेहरान में मौलवियों की एक सभा को संबोधित करते हुए गाजा, म्यांमार और भारत में मुसलमानों की पीड़ा के बारे में बात की थी.