आमतौर पर लोग शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने पर प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बंद कर देते हैं. आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. रोहित गुप्ता के अनुसार ऐसा करना गलत है. उनका कहना है कि यूरिक एसिड बढ़ने के दौरान सभी तरह के प्रोटीन का सेवन बंद नहीं करना चाहिए. बल्कि इस दौरान हाई-प्यूरीन वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए और कम-प्यूरीन वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए.
डॉ. गुप्ता के अनुसार, यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए हमें अपनी हेल्दी लाइफस्टाइल और खानपान को बैलेंस रखना चाहिए. डॉ. गुप्ता बताते हैं कि यूरिक एसिड एक प्राकृतिक पदार्थ है, जो प्यूरीन नामक तत्व के टूटने से बनता है. यह मुख्य रूप से किडनी के जरिए शरीर से बाहर निकलता है, लेकिन जब किडनी इसे ठीक से बाहर नहीं निकाल पाती या शरीर में प्यूरीन का लेवल ज्यादा हो जाता है, तो यूरिक एसिड बढ़ने लगता है. इसके हाई लेवल को हाइपरयूरिसीमिया कहा जाता है, जो गाउट और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है.
गाउट और किडनी स्टोन समेत कई गंभीर समस्यायों का कारण
हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा यदि सामान्य से ज्यादा हो जाए तो यह हमारे हाथ-पैरों के छोटे-छोटे जोड़ों में जमा होने लगता है. इसके कारण गाउट और किडनी स्टोन समेत कई गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं. अधिकांश लोग यूरिक एसिड की समस्या को नजरअंदाज कर देते हैं और इसके कारण यह खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि महिलाओं और पुरुषों के शरीर में कितना यूरिक एसिड होना चाहिए. इसके अलावा हम यह भी बताएंगे कि इसका स्तर कब खतरे की घंटी बन सकता है.
महिलाओं और पुरुषों के शरीर में कितना यूरिक एसिड होना चाहिए
डॉ. गुप्ता ने बताया कि यूरिक एसिड हमारे लिवर में बनने वाला एक प्रोडक्ट है, जो किडनी से होते हुए पेशाब के जरिए बाहर निकल जाता है. महिलाओं और पुरुषों के यूरिक एसिड की सामान्य सीमा थोड़ी अलग होती है. अगर वयस्क महिलाओं का यूरिक एसिड लेवल 2.5 से 6 mg/dL के बीच है तो इसे सामान्य माना जाता है. वहीं वयस्क पुरुषों का यूरिक एसिड लेवल 3.5 से 7 mg/dL तक सामान्य माना जाता है. हालांकि, अलग-अलग टेस्ट में यूरिक एसिड मापने का तरीका अलग-अलग होता है. हर टेस्ट में यूरिक एसिड के लेवल में थोड़ा बहुत असमानता हो सकता है.