हैदराबाद:हमारे शरीर में अधिकांश संक्रमण मुंह के माध्यम से फैलते हैं. इसलिए नियमित रूप से मुंह की सफाई करना बहुत जरूरी है. हालांकि, कई लोग ब्रश करते समय कुछ गलतियां कर देते हैं. जो उनके दांतों और मसूड़ों को प्रभावित करते हैं और ब्लीडिंग का कारण बनते हैं. इसके अलावा, ठीक से ब्रश न करने से दांत दर्द और अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं. ऐसे में ब्रश कैसे करें (राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान की रिपोर्ट) ? इसके बारे में मशहूर दंत चिकित्सक डॉ. विकास गौड़ से जानते है. डॉ. विकास गौड़ इस खबर में कई सवालों का जवाब देते नजर आएं, जिसमें शामिल है कि मुझे किस प्रकार का ब्रश का उपयोग करना चाहिए? ब्रश कितने दिन में बदलना चाहिए? आदि...
इन सभी सवालों का जवाब देते हुए डॉ. विकास गौड़ का कहना है कि ओरल हेल्थ के लिए लोगों को टूथब्रश का इस्तेमाल लंबे समय तक नहीं करना चाहिए. आमतौर पर यही समझाया जाता है कि ब्रश को 3 महीने में एक बार जरूर बदलना चाहिए. विशेषकर बीमार होने पर ब्रश बदलने की सलाह दी जाती है. ऐसा कहा जाता है कि लंबे समय तक टूथब्रश का इस्तेमाल करने से ब्रश पर बैक्टीरिया जमा होने और संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही दिन में दो बार (सुबह और रात) ब्रश करने की भी सलाह दी जाती है. डॉ. गौड़ का कहना है कि ज्यादा देर तक ब्रश करने से बेहतर है कि व्यक्ति किसी अच्छे टूथपेस्ट से 2 से 4 मिनट तक ही ब्रश करें.
"कई लोगों का मानना है कि अगर वे लंबे समय तक जमकर ब्रश करेंगे तो उनके दांत साफ रहेंगे. लेकिन ऐसा करने से नुकसान ज्यादा होता है. बहुत देर तक ब्रश करने से दांतों का इनेमल घिस सकता है, साथ ही उन्होंने ने आगे कहा कि ब्रश करने की उचित तकनीक का पालन करना चाहिए. कुछ लोग केवल किनारों पर ही ब्रश करते हैं. ऐसा करने से मसूड़े घिस जायेंगे. ब्रश करते समय ऊपर से नीचे.. नीचे से ऊपर तक सफाई करनी चाहिए. बहुत से लोग अपने दांतों के केवल सामने वाले हिस्से को ही ब्रश करते हैं. डॉ. गौड़ ने आगे कहा कि दांतों के साथ-साथ जीभ को भी साफ करना जरूरी है. दुर्गंध से बचने के लिए टंग क्लीनर और ब्रश को साफ करना चाहिए. चारकोल पाउडर और मंजन के इस्तेमाल से दांतों का इनेमल घिसने का खतरा रहता है. इसलिए ऐसी चीजों से बचना चाहिए" --विकास गौड़, दंत चिकित्सक