शहडोल।बदलते वक्त के साथ ही लोगों के जीवन यापन में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. आजकल जिस तरह की दिनचर्या और खान-पान चल रहा है उसमें लोगों के अंदर तरह-तरह की बीमारियां भी देखने को मिल रही हैं. अक्सर देखा गया है कि लोगों की बॉडी में कभी भी दर्द होने लगता है और ये दर्द कुछ इस तरह से होता है कि लोग परेशान होने लगते हैं. फिर वो दर्द धीरे-धीरे करके शरीर में स्थाई तौर पर बन जाता है और लोग समझ ही नहीं पाते हैं कि आखिर उन्हें हो क्या गया है. आपको बता दें कि अगर बॉडी में इस तरह का दर्द होता है तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है और अगर आप इस तरह के दर्द को नजरअंदाज करते हैं तो गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं, यहां तक की अपाहिज भी हो सकते हैं.
गठिया बात कितनी घातक बीमारी
रूमेटोलॉजिस्ट डॉक्टर बीबी कुमार कहते हैं कि शरीर में दर्द होना गठिया बात की समस्या हो सकती है और यह बहुत ही घातक बीमारी है. इसमें पेशेंट को शुरू में पता ही नहीं चलता है कि उसे दर्द कब शुरू हो गया और गठिया बात की बीमारी कब हो गई. बच्चों में तो बचपन से ही ध्यान देना चाहिए और अगर आपका बच्चा दर्द से परेशान रहता है तो उसका इलाज कराएं. नहीं तो उसे आगे रुमेटिक आर्थराइटिस (Rheumatic Arthritis) की समस्या हो सकती है.
कैसे जानें कि गठिया बात हो गया
रुमेटोलॉजिस्ट डॉक्टर बीबी कुमार कहते हैं की "अगर कोई भी दर्द बॉडी में लगातार हो रहा है और प्राकृतिक तौर पर मैनेज नहीं हो रहा है मतलब दर्द दो से तीन दिन में खुद से ठीक नहीं हो रहा है, दर्द लगातार बना हुआ है साथ में बॉडी में मॉर्निंग में हल्का स्टिफनेस हो रहा है, फीवर आ रहा है तो उस मरीज को डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए, क्योंकि वो अर्थराइटिस हो सकता है."
दर्द पर डिपेंड करता है कैसा मर्ज
डॉक्टर बीबी कुमार कहते हैं कि "रुमेटिक आर्थराइटिस को गठिया बात संधीवात भी बोलते हैं, यह कई प्रकार के होते हैं, कभी-कभी बॉडी में खुजली टाइप के सिम्टम्स होते हैं, उसे सूर्याटिक अर्थराइटिस बोलते हैं." कभी-कभी देखने को मिलता है की बचपन में बॉडी में पेन हो रहा था फिर बीच में ठीक हो गया और फिर कुछ साल बाद फिर से बहुत दर्द शुरू होना शुरू हो गया है, तो उसे अलग प्रकार का अर्थराइटिस बोलते हैं. यह भी काफी खतरनाक अर्थराइटिस होता है. कुछ अर्थराइटिस ऐसे होते हैं की स्पाइन को प्रभावित करते हैं, स्पाइन में दिक्कत आने लगती है. इस तरह से तरह-तरह के अर्थराइटिस होते हैं जो बॉडी को प्रभावित करते हैं और पेशेंट परेशान होता है.
अपाहिज भी हो सकता है मरीज
रुमेटोलॉजिस्ट डॉक्टर बीबी कुमार कहते हैं कि आर्थराइटिस की समस्या आने पर और समय पर इसका इलाज न होने पर मरीज इसमें अपाहिज भी हो सकता है, क्योंकि अगर आप इलाज नहीं करेंगे तो बॉडी स्टीफनेस बढ़ जाएगी, जॉइंट का मूवमेंट खत्म हो जाएगा, आदमी बेड पर चला जाएगा, पेन की वजह से बिस्तर से मरीज नहीं उठ नहीं पाएगा, अगर इस बीमारी में शुरुआती इलाज नहीं करते हैं, तो ये बहुत ही घातक बीमारी है, यह बहुत परेशान करेगी.