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अक्सर कम उम्र में शुरू होता है ये वाला डायबिटीज, जानिए क्या कहते हैं आंकड़े और डॉक्टर की राय - Diabetes

Diabetes : लाखों लोग टाइप 1 डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित हैं. सोनम कपूर, कमल हसन, समंथा रुथ प्रभु जैसी बड़ी हस्तियां भी टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित हैं. Type 1 Diabetes एक ऑटोइम्यून विकार है जो मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है.

TYPES OF DIABETES AND TYPE 1 DIABETES SYMPTOMS TREATMENT
लाखों लोग टाइप 1 डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित- कॉन्सेप्ट इमेज (IANS ETV Bharat)

By ETV Bharat Health Team

Published : Sep 19, 2024, 2:29 PM IST

Updated : Sep 21, 2024, 6:29 AM IST

Type 1 Diabetes : टाइप 1 डायबिटीज के मामलों में हर साल उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है. सोनम कपूर, फवाद खान, निक जोनास, सामंथा रुथ प्रभु, पुलकित सम्राट, कमल हसन, सुधा चंद्रन जैसी बड़ी हस्तियां टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित हैं. जाने-माने एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. बिपिन सेठी ने बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज के बढ़ने की चिंताजनक प्रवृत्ति को उजागर किया है, जिसकी वजह से पूरे भारत में 8 लाख से ज्यादा लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. डॉ. बिपिन सेठी ने बताया कि टाइप 1 डायबिटीज के मामलों कि वृद्धि, टाइप-2 डायबिटीज की वृद्धि दर से 2.3% ज्यादा है.

बढ़ती चिंताएं : Global Type 1 Diabetes Index के अनुसार, भारत में टाइप 1 डायबिटीज औसतन 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, जबकि टाइप-2 डायबिटीज में 4.4 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है. यह प्रवृत्ति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देखी जा रही है, जहाँ यूके में 3.5% और यूएसए में 2.9% की वार्षिक वृद्धि हो रही है.

इस बढ़ती चिंता के जवाब में, रिसर्च सोसाइटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज- RSSDI और सनोफी इंडिया लिमिटेड- SIL ने मिलकर टाइप-1 डायबिटीज से प्रभावित बच्चों के लिए उपचार विधियों और सहायता को मानकीकृत करने के लिए हाथ मिलाया है. RSSDI - SIL की पहल के हिस्से के रूप में, तेलंगाना में 72 सहित देश भर में 1400 रोगियों को मुफ्त इंसुलिन, सीरिंज और अन्य आवश्यक चीजें प्रदान की जा रही हैं. प्रतीकात्मक फोटो

कमल हसन, समंथा रुथ प्रभु जैसी बड़ी हस्तियां भी टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित हैं.(प्रतीकात्मक फोटो)

गलतफहमी और जागरूकता : डॉ. सेठी ने इस बात पर जोर दिया कि Type1 Diabetes एक ऑटोइम्यून विकार है जो मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है, उचित देखभाल के साथ प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि जागरूकता की कमी से अक्सर निदान में देरी होती है. वजन कम होना, भूख, पेट दर्द, अत्यधिक प्यास और उल्टी जैसे लक्षणों के लिए डॉक्टर से मिलना चाहिए.

सामान्य जीवन जी सकते हैं! समय पर इंसुलिन उपचार और आहार में मामूली समायोजन के साथ, प्रभावित बच्चे सामान्य जीवन जी सकते हैं. Dr. Bipin Sethi ने सरकारों और गैर सरकारी संगठनों से जागरूकता बढ़ाने, विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में और इंसुलिन और डायबिटीज प्रबंधन की लागत से बोझिल परिवारों को सहायता प्रदान करने का आग्रह किया.

टाइप 1 डायबिटीज: टाइप 1 मधुमेह में, शरीर बहुत कम या बिल्कुल भी इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है. इसमें अग्न्याशय की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं. टाइप 1 मधुमेह आमतौर पर छोटे बच्चों और किशोरों में होता है. हालांकि, कुछ लोगों में यह किसी भी उम्र में दिखाई देता है. मधुमेह आंशिक रूप से आनुवंशिक होता है. विशेषज्ञों के अनुसार, टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों को स्वस्थ रहने के लिए रोजाना इंसुलिन लेने की जरूरत होती है.

मुख्य बिंदु टाइप 1 डायबिटीज टाइप 2 डायबिटीज
कारण शरीर मे इंसुलिन का उत्पादन नहीं हो पाता है. शरीर इंसुलिन का ठीक से उपयोग नहीं कर पाता.
शुरुआत आमतौर पर इसकी शुरुआत कम उम्र में होती है. सामान्यत: जीवन में बाद में शुरू होता है
लक्षण अत्यधिक प्यास, बार-बार पेशाब आना,अधिक भूख लगना, वजन कम होना, थकान. कोई लक्षण नहीं या हल्के लक्षण हो सकते हैं.
इलाज इंसुलिन इंजेक्शन. आहार, व्यायाम, दवाएं और कभी-कभी इंसुलिन.

डॉ. संजय जैन कोकिलाबेन अस्पताल, इंदौर में इंटरनल मेडिसिन के कंसल्टेंट बताते हैं कि Type 1 Diabetes एक स्थायी स्थिति है. उचित प्रबंधन और उपचार के साथ, इस Diabetes से पीड़ित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकते हैं. टाइप 1 डायबिटीज, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अग्न्याशय में इंसुलिन-उत्पादक बीटा कोशिकाओं को लक्षित करके एंटीबॉडी बनाती है, इंसुलिन उत्पादन को कम या रोक देती है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर अनियमित हो जाता है. टाइप 1 डायबिटीज आनुवंशिक रूप से माता-पिता से किसी एक से भी मिल सकती है. टाइप 1 डायबिटीज के मामलों में जहां एक माता या पिता को टाइप 1 डायबिटीज है तो बच्चे को 10% जोखिम होता है, जबकि मां के संबंध में 8% से 10% जोखिम होता है. यदि माता-पिता दोनों को टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो बच्चे में यह स्थिति विकसित होने की संभावना 30% तक बढ़ जाती है.

ऐसे कंट्रोल करें शुगर: डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए शरीर में शुगर को नियंत्रित करना जरूरी है. इसके लिए व्यक्ति को विशेषज्ञ की सलाह से आहार लेना चाहिए. ऐसा खाना खाएं जिनमें कैलोरी कम हो, चीनी कम हो और फाइबर अधिक हो. प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें. डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं लेनी चाहिए. यदि वजन अधिक है तो उसे कम करना चाहिए.

Ref.--https://www.niddk.nih.gov/health-information/diabetes/overview/what-is-diabetes

डिस्कलेमर: यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह ले लें.

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Last Updated : Sep 21, 2024, 6:29 AM IST

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