हैदराबाद:आज के समय मोटापा सबसे बड़ी हेल्थ समस्या है. न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर के लोग इससे परेशान हैं. ऐसे में ज्यादातर लोग वजन कम करने की जद्दोजहद में जुटे रहते हैं. मोटापे को फिजिकल हेल्थ पर पड़ने वाले प्रभावों के लिए व्यापक रूप से पहचाना जाता है, जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज. हालांकि, मोटापे से जुड़े मानसिक और भावनात्मक तनावों को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है. ऐसे में आज इस खबर में जानिए आशा हॉस्पिटल्स, हैदराबाद की मनोचिकित्सक डॉ. आलम भावना से कि कैसे ज्यादा वजन होने से मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ सकता है, जिससे मूड डिसऑर्डर, डिप्रेशन, चिंता और टेंशन हो सकता है.
मोटापे का मानसिक तनाव
मोटापा कई कारणों से लोगों को घेरता है, जिसमें जेनेटिक्स, जीवनशैली और अंतर्निहित मेडिकल कंडीशन शामिल हैं. अधिक वजन और मोटापा महत्वपूर्ण फिजियोलॉजिकल चुनौतियों का कारण बन सकते हैं. डॉ. भावना ने बताया कि मोटापे से ग्रस्त कई व्यक्ति अपनी शारीरिक बनावट से असंतुष्ट होते हैं, जिसके कारण उनका आत्म-सम्मान कम होता है और वे खुद को दोषी मानते हैं. और इसी कारण उनमें मानसिक तनाव बढ़ जाता है. अपनी शारीरिक बनावट से असंतुष्ट होने के कारण ऐसे लोग ज्यादा सोशलाइज नहीं होते, जो उन्हें मानसिक तनाव को और बढ़ा देता है.
मोटापे से जुड़े प्रमुख मनोवैज्ञानिक मुद्दे
डिप्रेशन :मोटापा मस्तिष्क में हार्मोनल बैलेंस को बाधित कर सकता है, जिससे डिप्रेशन के लक्षण जैसे एकाग्रता की कमी और निराशा की भावनाएं पैदा हो सकती हैं. सामाजिक सोच और वजन के बारे में नकारात्मक टिप्पणियां डिप्रेशन के लक्षणों को और बढ़ा सकती हैं. अध्ययनों से पता चलता है कि मोटे व्यक्तियों में औसत वजन वाले लोगों की तुलना में अवसाद से पीड़ित होने की संभावना काफी अधिक होती है।
ईटिंग डिसऑर्डर: मोटापे से ग्रस्त लोगों में भावनात्मक रूप से अधिक खाना आम बात है.लोग नकारात्मक भावनाओं से निपटने के लिए भोजन का उपयोग कर सकते हैं, जिससे अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन होता है और वजन और बढ़ जाता है.
चिंता: मोटापे और चिंता के बीचबाय डायरेक्शनल रिलेशनशिप है. चिंता अधिक खाने में योगदान दे सकती है, जबकि मोटापा चिंता के स्तर को बढ़ा सकता है. यह चक्र अक्सर बढ़े हुए कोर्टिसोल लेवल और बाधित नींद के पैटर्न से मजबूत होता है.
लत: मोटापा कभी-कभी नशे की लत वाले व्यवहारों से जुड़ा होता है, जैसे शराब और नशीली दवाओं का उपयोग, जो आगे वजन बढ़ाने और स्वास्थ्य समस्याओं में भी योगदान दे सकता है.
मनोवैज्ञानिक प्रभाव को संबोधित करना
डॉ. भावना इस बात पर जोर देती हैं कि मोटापे को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को संबोधित करना महत्वपूर्ण है. जिसमें यह प्रमुख रणनीतियां शामिल हैं...