HIGH BLOOD PRESSURE CONTROL THERAPY: आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में गलत लाइफस्टाइल और फास्ट फूड जहां ब्लड प्रेशर की बड़ी वजह बन रहे हैं. वहीं, हर साल ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. हालांकि जिन मरीजों का ब्लड प्रेशर अब दवाइयों से भी कंट्रोल नहीं हो रहा है. उनके लिए इलाज की रीनल डिनर्वेशन थेरेपी सबसे कारगर उपाय साबित हुई है. जिसके जरिए चंद दिनों में ही गंभीर ब्लड प्रेशर की बीमारी का इलाज संभव है.
गलत खान-पान से बढ़ रहा हाइपरटेंशन
दरअसल आजकल युवाओं में बढ़ते तनाव और गलत खान-पान के कारण ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन की बीमारी सालाना एक प्रतिशत की दर से बढ़ रही है. फिलहाल अस्पतालों में आने वाले 10 में से चार मरीज या तो ब्लड प्रेशर का शिकार हैं या हाइपरटेंशन के कारण परेशान हैं. इंदौर के अपोलो हॉस्पिटल की इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सरिता राव के मुताबिक, ''बीते एक दशक में ही ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन की बीमारी का शिकार कुल आबादी के 40 पर्सेंट लोग हो चुके हैं. इसमें भी चिंताजनक पहलू यह है कि इस बीमारी से 12.50 परसेंट मरीज ही अपना इलाज करवा पाते हैं. नतीजेतन ब्लड प्रेशर के मरीजों को आगे चलकर ब्रेन स्ट्रोक किडनी और हार्ट फैल जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है.'' HOW PREVENT HIGH BLOOD PRESSURE
रीनल डिनर्वेशन थेरेपी इलाज संभव
कई मामलों में जब बीमारी ज्यादा गंभीर हो जाती है तो ब्लड प्रेशर की तमाम दवाइयां भी मरीज पर असर नहीं करती. ऐसे मरीजों का इलाज रीनल डिनर्वेशन थेरेपी से ही संभव है. ब्लड प्रेशर के मरीजों को लेकर चिंताजनक स्थिति भी यह है कि अधिकांश लोगों को यह पता नहीं होता कि उनका ब्लड प्रेशर कितना है. कई मामलों में जांच करने पर पता चलता है कि वह ब्लड प्रेशर के शिकार हैं. हाल ही में एम्स भोपाल के सर्वे में भी पता चला था कि 40 फीसदी बच्चों को मोटापे के कारण साइलेंट हाई ब्लड प्रेशर है, जो 18 वर्ष से कम उम्र के होने के साथ ऑर्गन फैलियर के खतरे से जूझ रहे हैं. यही स्थिति वयस्कों और युवाओं में भी नजर आ रही है.
क्या है रीनल डिनर्वेशन थेरेपी
ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने की थेरेपी के जरिए मरीज की किडनी की नर्व के उन हिस्सों को अवरुद्ध कर दिया जाता है जहां से ब्लड प्रेशर बढ़ने वाले केमिकल उत्सर्जित होते हैं. इसके लिए एंजियोग्राफी की तरह ही किडनी की आर्टिरीज में एक पाइप नुमा इंजेक्शन से रेडियो फ्रीक्वेंसी एनर्जी प्रवाहित की जाती है जिससे किडनी की नर्व के अंतिम छोर के वे हिस्से अवरुद्ध हो जाते हैं जिनमें से ब्लड प्रेशर बढ़ने वाला केमिकल उत्सर्जित होता है. इसके बाद मरीज का ब्लड प्रेशर कुछ ही दिनों में नॉर्मल हो जाता है और ब्लड प्रेशर के कारण होने वाले खतरे भी टल जाते हैं. डॉ सरिता राव के मुताबिक इस थेरेपी में फिलहाल करीब 7 लाख रुपए का खर्च आता है जो फिलहाल इंश्योरेंस कवर से भी संभव है.