World Vegetarian Day : आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल के चलते लोग सही और हेल्दी डाइट का सवन नहीं कर पाते है. जिससे लोगों को कई हेल्थ रिलेटेड प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है. जैसा कि हम सभी बचपन से सुनते आए है कि हमारे अच्छे स्वास्थ्य का आधार हमारा आहार होता है. भोजन से मिलने वाले पोषण पर ही हमारा शारीरिक और मानसिक विकास निर्भर करता है. हमारे देश में कहावत है ‘जैसा खाए अन्न, वैसा हो जाए मन’, और चूंकि मांसाहार को हमेशा तमसपूर्ण आहार और शाकाहार को सात्विक आहार माना जाता है. इसलिए लोगों का मानना है की शाकाहार का सेवन करने वाले लोग ज्यादा स्वस्थ रहते है, और उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है.
इस बात से विशेषज्ञ और चिकित्सक भी इत्तेफाक रखते हैं. शाकाहार के फायदे बहुत हैं, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में लोग शाकाहार के फायदों से अनजान है. देश विदेश में शाकाहार आहार के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने, उसके फायदों के बारे में आमजन को अवगत कराने तथा जीव हत्या को कम करने के उद्देश्य से हर वर्ष 1 अक्टूबर को ‘विश्व शाकाहारी दिवस’ तथा पूरे अक्टूबर महीने को 'विश्व शाकाहारी माह’ के रूप में मनाया जाता है.
विश्व शाकाहारी दिवस का इतिहास
विश्व शाकाहारी दिवस सबसे पहले 1977 में नॉर्थ अमेरिकन वेजीटेरियन सोसायटी द्वारा मनाया गया था. बेहतर स्वास्थ्य और सोच के लिए लोग मांसाहार की बजाय शाकाहार को ज्यादा प्रमुखता से अपने भोजन में अपनाएं. इस सोच को लेकर सबसे पहले इस मुख्य दिवस का आयोजन किया गया था. जिसके एक साल बाद यानी 1978 में विश्व शाकाहारी यूनियन ने इस दिवस को नियमित रूप से मनाने का निर्णय लिया था. तब से हर वर्ष सिर्फ विश्व शाकाहारी दिवस पर ही नहीं बल्कि पूरे अक्टूबर माहिने में शाकाहार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते है. इस अवसर पर कई सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाएं विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम, प्रतियोगिताओं, संगोष्ठियों तथा अभियानों का आयोजन करती हैं.
शाकाहारी भोजन को बढ़ावा देने के अलावा मांसाहार के चलते भोजन के लिए जीव हत्या को कम करना भी इस विशेष दिवस के मुख्य उद्देश्यों में से एक है. इसके अलावा अक्टूबर महीने को विश्व शाकाहारी माह के रूप में भी मनाया जाता है, जिसके चलते महीने भर तक समारोह तथा गतिविधियों का आयोजन किया जाता है.
विश्व शाकाहारी दिवस 2024 थीम
विश्व शाकाहारी दिवस 2024 के लिए अभियान एक रोमांचक नई थीम,'मिक्स इट अप!' के साथ शुरू हो रहा है. इस वर्ष की थीम सभी को अपने पसंदीदा व्यंजनों में पौधे-आधारित विकल्पों के साथ प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती है. चाहे वह मांस की जगह टोफू का उपयोग करना हो, नया वेजी बर्गर आजमाना हो या अपने भोजन में अधिक साग शामिल करना हो, इसका उद्देश्य रसोई में रचनात्मकता को प्रेरित करना और यह दिखाना है कि शाकाहारी विकल्प कितने आसान और स्वादिष्ट हो सकते हैं. थीम पौधे-आधारित खाद्य पदार्थों की बहुमुखी प्रतिभा पर प्रकाश डालती है, जिससे सभी उम्र के लोगों के लिए एक स्वस्थ और अधिक टिकाऊ आहार अपनाना एक मजेदार चुनौती बन जाती है.
विश्व शाकाहारी दिवस का महत्व
विश्व शाकाहारी दिवस कई कारणों से बहुत महत्व रखता है:
स्वास्थ्य लाभ: पौधे आधारित आहार को कई स्वास्थ्य लाभों से जोड़ा गया है, जिसमें हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह और मोटापे का कम जोखिम शामिल है। इस दिन को मनाकर, हम लोगों को पौष्टिक और स्वादिष्ट शाकाहारी विकल्पों को तलाशने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
पर्यावरणीय स्थिरता: मांस उत्पादन वनों की कटाई, पानी की कमी और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के प्रमुख कारणों में से एक है। शाकाहारी आहार अपनाकर, व्यक्ति अपने कार्बन पदचिह्न को कम करने और अधिक टिकाऊ खाद्य प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं.
पशु कल्याण:शाकाहार के मूल सिद्धांतों में से एक जानवरों के प्रति दया है। विश्व शाकाहारी दिवस जानवरों के नैतिक उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाने और क्रूरता मुक्त जीवन को बढ़ावा देने का एक अवसर है.
वैश्विक आंदोलन: दुनिया भर में पौधे आधारित आहार के उदय के साथ, यह दिन स्वस्थ और अधिक मानवीय आहार विकल्पों की वकालत करने वालों के लिए एक एकीकृत शक्ति के रूप में कार्य करता है.
सांस्कृतिक और पाककला अन्वेषण: विश्व शाकाहारी दिवस शाकाहारी व्यंजनों की विविधता का भी जश्न मनाता है, तथा लोगों को विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं से नए पौधे-आधारित व्यंजनों को आजमाने के लिए प्रेरित करता है.
स्वास्थ्य तथा जेब दोनों के लिए बेहतर है शाकाहार
दुनिया के हर कोने में लोग अब इस बात को मानने लगे हैं कि शाकाहार ना सिर्फ हेल्थ को के लिए बेहतर होता है, बल्कि हमारी जेब के लिए भी किफायती रहता है. तमाम तरह की सब्जियां, फल, पोषक दालें तथा अनाज ना सिर्फ मांसाहार के मुकाबले सस्ते होते हैं, बल्कि हमारे शरीर को तमाम तरह के पोषक तत्व भी प्रदान करते है. जिससे व्यक्ति काफी ज्यादा हेल्थी रहता है. जानकारों की मानें तो पश्चिमी देशों में पोषण, नैतिक, पर्यावरण तथा आर्थिक चिंताओं के मद्देनजर लोगों में शाकाहार की प्रसिद्धि बढ़ी है. और बड़ी संख्या में लोग शाकाहार की तरफ आकर्षित हो रहे है. खासकर युवा वर्ग में शाकाहार एक फैशन की तरह से भी प्रचलित हो रहा है.
बीमारी से दूर रखता है वेजिटेरियन खाना
शाकाहार में सैचुरेटेड फैट, कोलेस्ट्रॉल और एनिमल प्रोटीन का लेवल कम होता है. साथ ही उनमें कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम और विटामिन सी और डी जैसे एंटी ऑक्सीडेंट तथा फाइटोकेमिकल उच्च मात्र में पाए जाते है. डॉक्टरों की मानें तो शाकाहारी व्यक्ति को अपेक्षाकृत कैंसर, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह टाइप-2, गुर्दे की बीमारी, ओस्टियोपोरोसिस और अल्जाइमर जैसी बीमारियां कम होती है. वहीं लोग यह भी मानते हैं कि मांसाहारियों की अपेक्षा शाकाहारी व्यक्तियों का मूड ज्यादा बेहतर होता है.