हैदराबादः हम अपने दैनिक जीवन में दिखाई देने वाले लक्षणों के साथ-साथ ब्लड शुगर के स्तर में उतार-चढ़ाव से यह जांच सकते हैं कि हमें मधुमेह है या नहीं. खासकर सुबह के समय हमें ये लक्षण सबसे ज्यादा नजर आते हैं. अगर हम इन्हें शरीर द्वारा दी गई चेतावनी मानें और परीक्षण कराएं, तो हम उचित सावधानी बरत सकते हैं और स्थिति को नियंत्रण में रख सकते हैं. तो वे विशेषताएं क्या हैं?
क्या है शुगर/डायबिटीज की बीमारी
- डायबिटीज जिसे कई सामान्य भाषा में आम लोग सुगर की बीमारी भी कहते हैं.
- डायबिटीज होने पर इंसान का ब्लड सुगर सामान्य तौर पर बढ़ जाता है.
- यह सामान्य तौर पर दो स्थितियों में होता है.
- पहला जब किसी व्यक्ति के शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलीन पैदा नहीं होता है.
- दूसरी स्थिति में पैदा होने वाले इंसुलीन का उपयोग हमारा शरीर नहीं कर पाता है.
डायबिटीज के मुख्य प्रकार
- टाइप वन डायबिटीज- शरीर आवश्यक मात्रा में इंसुलीन पैदा नहीं हो पाता है.
- टाइप टू डायबिटीज- पैदा होने वाले इंसुलीन का उपयोग शरीर नहीं कर पाता है.
- गर्भकालीन मधुमेह (Gestational Diabetes)-गर्भावास्था के दौरान अल्पकालीक डायबिटीज की समस्या होती है.
किन लोगों को है डायबिटीज का ज्यादा खतरा
- जिनके माता-पिता या भाई-बहन डायबिटीज से पीड़ित हैं
- अगर आप का वजन सामान्य से ज्यादा है
- अगर आप नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते हैं
- अगर आप अनहेल्दी भोजन करते हैं.
- अगर आपकी उम्र 45 साल से ज्यादा है.
- अगर आप हाई बीपी के मरीज हैं
- अगर आपका कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल हाई है.
- अगर आप हृदय संबंधी रोग से पीड़ित हैं.
- अगर गर्भावस्था के दौरार डायबिटीज रहा है.
- अगर आप पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से पीड़ित हैं.
क्या-क्या हैं डायबिटीज के प्रारंभिक लक्षण
हाइपरग्लेसेमिया (अत्यधिक प्यास):
ऐसा तब देखा जाता है जब सुबह के समय ब्लड सुगर का स्तर अधिक होता है. ये बदलाव सुबह 4 बजे से 8 बजे के बीच देखने को मिलते हैं. हाई लेवल शुगर (उच्च शर्करा स्तर) के कारण हमें प्यास लगती है. यदि हाई लेवल शुगर के स्तर को नियंत्रित नहीं किया जाता है, तो ग्लूकोज बढ़ जाता है और शरीर को अधिक तरल पदार्थों की आवश्यकता होती है और निर्जलीकरण और प्यास लगने लगती है.
लगातार पेशाब आना:
बार-बार पेशाब आना हाई शुगर लेवल का संकेत हो सकता है.आमतौर पर यह ज्यादातर रात या सुबह के समय होता है. ग्लूकोज को फिल्टर करने के लिए गुर्दे अधिक मूत्र का उत्पादन करते हैं.