जयपुर :ब्लड प्रेशर यानी बीपी की समस्या से वर्तमान में देशभर में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हैं. बीपी का बढ़ना और कम होना, दोनों ही स्थिति में इसे खतरनाक माना जाता है. बीपी को लेकर लोग शुरुआत में भले ही गंभीरता नहीं दिखाते, लेकिन ये कई बीमारियों का कारण बन सकता है. एक आंकड़ों के मुताबिक देश में हर चौथा व्यक्ति ब्लड प्रेशर से पीड़ित है. बीपी की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए जयपुर स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान बड़ी खुशखबरी लेकर आया है. संस्थान ने सालों की रिसर्च के बाद ब्लड प्रेशर की दवा तैयार की है.
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने इस दवा को खास 9 प्रकार की जड़ी बूटियों को मिलकर तैयार किया है. संस्थान की ओर से दावा किया जा रहा है कि इस दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं है. आयुर्वेद चिकित्सकों का दावा है कि इस दवाई का क्लीनिकल ट्रायल पूरा किया जा चुका है और अब पेटेंट के बाद आम जनता को यह दवा उपलब्ध हो सकेगी.
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्था के द्रव्यगुण डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. सुदीप्त रथ (ETV Bharat Jaipur) इसे भी पढे़ं.डायबिटीज से लेकर कैंसर में भी फायदेमंद है चिलगोजा, मस्तिष्क, हड्डियों व बालों को भी करता है मजबूत
10 साल में तैयार किया :राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्था के द्रव्यगुण डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. सुदीप्त रथ का कहना है कि ब्लड प्रेशर एक सामान्य बीमारी जरूर नजर आती है, लेकिन इसके कारण शरीर के अन्य अंगों पर प्रभाव पड़ने लगता है. ऐसे में हमारी चिकित्सकों की टीम ने ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए 10 साल के शोध के बाद आयुर्वेदिक कैप्सूल बनाया है. उन्होंने बताया कि ये कैप्सूल क्लिनिकल ट्रायल के दौरान न केवल प्रभावी रहे हैं, बल्कि किसी तरह का साइड इफेक्ट भी देखने को नहीं मिला है.
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने बनाई ब्लड प्रेशर की दवा (ETV Bharat Jaipur) 9 तरह की आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का उपयोग : डॉ. रथ का कहना है कि इस कैप्सूल को तैयार करने के लिए खास 9 तरह की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया गया है. हालांकि, चिकित्सकों ने किन जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करके इस दवा को तैयार किया है, उसका खुलासा अभी नहीं किया है. उनका कहना है कि फिलहाल दवा को पेटेंट के लिए भेजा गया है और जैसे ही दवा पेटेंट हो जाएगी, इसके बाद इसमें इस्तेमाल होने वाली जड़ी बूटियों के बारे में खुलासा किया जाएगा. डॉ. रथ का कहना है कि फेज वाइज प्री-क्लिनकल ट्रायल और क्लिनिकल अध्ययन के बाद मापदंडों पर सही मिलने के बाद ही दवा के पेटेंट के लिए आवेदन किया गया है.
जयपुर स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (ETV Bharat Jaipur) इसे भी पढे़ं.यूरिक एसिड बनने से होता है गठिया, जानिए कारण, लक्षण और नियंत्रण के लिए आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे
कितनी घातक बीमारी है बीपी :नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक देश में हाई ब्लड प्रेशर का प्रसार दर लगभग 22.6 फीसदी है, जिसमें पुरुषों की दर महिलाओं की तुलना में कुछ अधिक है. शहरी क्षेत्र के लोगों में ग्रामीण क्षेत्र की तुलना में इसका प्रसार ज्यादा है. डॉ. रथ का कहना है कि आम तौर पर पहले ब्लड प्रेशर की बीमारी किसी भी व्यक्ति में 40 वर्ष की उम्र के बाद देखने को मिलती थी, लेकिन अब युवावस्था में भी लोग इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं. खासकर मौजूदा समय में डिप्रेशन के चलते सबसे अधिक लोग हाई ब्लड प्रेशर की गिरफ्त में आ रहे हैं. इसके कारण चेस्ट पेन और गंभीर बीमारी के साथ हार्ट अटैक की आशंका रहती है.
दवा का क्लिनिकल ट्रायल पूरा हुआ (ETV Bharat Jaipur)