HING TADKA IN DAL: भारतीय व्यंजन चपपटे स्वाद के लिए जाना जाता है. घर में रोज बनने वाली दाल और सब्जी अक्सर लोगों को पसंद नहीं आती. उन्हें ढाबे या किसी रेस्टोरेंट की दाल-सब्जी ज्यादा भाती है, क्योंकि ढाबा या किसी होटल में बनने वाली दाल का स्वाद अलग ही होता है. इसकी वजह है उस दाल या सब्जी में लगने वाला तड़का. जी हां भारतीय मसालों में हींग की खास जगह है. कई भारतीय महिलाएं अपने खाने के तड़के में हींग का इस्तेमाल करती हैं. दाल में अगर हींग का तड़का लगाया जाए तो स्वाद और खुशबू के साथ-साथ इससे पाचन तंत्र भी दुरुस्त होता है.
हींग में पाए जाते हैं कई पोषक तत्व
हमारे देश में ज्यादातर महिलाएं दाल में तड़का लगाते वक्त हींग का उपयोग जरूर करती हैं. वो इसलिए क्योंकि वे अपने परिवार को टेस्ट के साथ हेल्दी खाना खिलाना चाहती हैं. हींग सिर्फ पाचन तंत्र को ही अच्छा नहीं रखता है, बल्कि इसके कई और भी फायदे हैं. आपको बता दें हींग में कैल्शियम, फोस्फोरस, आयरन, केरोटीन, राइबोफ्लेविन, प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. जो हमें हेल्दी रखता है. लिहाजा हींग को सेहत का भंडार भी कहा जाता है.
कैसे बनती है हींग
सबसे पहले आपको बताते हैं कि भारत में मुख्यत: हींग कहां पाई जाती है. तो भारत में पंजाब और कश्मीर में हींग की खेती होती है. विश्व स्तर पर अफगानिस्तान और कजाकिस्तान में इसकी खेती ज्यादा होती है. हींग पौधे के रूप में नहीं मिलती है. यह बाजारों में पाउडर या नमक के ढेले की रूप में मिलती है. हींग का जो पौधा होता है, वह सौंफ के बायोलॉजिकल परिवार से ही होता है. इस पौधे की जड़ जो पदार्थ निकलता है, उसे ही जमा कर हींग बनाई जाती है. हींग अपनी नेचुरल फॉर्म में गोंद जैसी होती है, यानि थोड़ी चिपचिपी होती है.