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बच्चों में ब्रेन ट्यूमर से लड़ने में कारगर पाई गई पैंक्रियाटिक कैंसर की दवा - Brain tumour

By IANS

Published : Aug 2, 2024, 2:25 PM IST

Updated : Aug 3, 2024, 6:06 AM IST

Brain tumour : जर्नल ऑफ क्लिनिकल इन्वेस्टिगेशन में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि पैंक्रियाटिक कैंसर के इलाज के लिए विकसित एक दवा बच्चों में ब्रेन ट्यूमर से लड़ने में कारगर पाई गई है.

DRUG FOR PANCREATIC CANCER SHOWS PROMISE AGAINST BRAIN TUMOUR IN KIDS
कॉन्सेप्ट इमेज (IANS)

नई दिल्ली : पैंक्रियाटिक कैंसर (अग्नाशय का कैंसर) के इलाज के लिए विकसित एक दवा के मेडुलोब्लास्टोमा के इलाज में भी आशाजनक परिणाम दिखे हैं जो बच्चों में होने वाला सबसे आम घातक ब्रेन ट्यूमर है. जर्नल ऑफ क्लिनिकल इन्वेस्टिगेशन में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि पारंपरिक चीनी औषधि से बनाई गई ट्रिप्टोलाइड नामक दवा- और इसका जल में घुलनशील प्रोड्रग संस्करण मिनेलाइड- मेडुलोब्लास्टोमा के प्रीक्लिनिकल मॉडलों में लक्षण-मुक्त जीवन की अवधि बढ़ाने में सक्षम है. इस दौरान और टॉक्सिसिटी का भी कोई लक्षण नहीं दिखा. प्रोड्रग एक निष्क्रिय दवा होती है जिसे शरीर एंजाइमेटिक या रासायनिक प्रतिक्रियाओं के माध्यम से सक्रिय दवा में परिवर्तित करता है.

मेडुलोब्लास्टोमा की जीवित रहने की दर इस बात पर निर्भर करती है कि मरीज इन चार उपकिस्मों में किस से जूझ रहा है. ऐतिहासिक रूप से, ग्रुप 3 में बचने की दर लगभग 40 प्रतिशत पाई गई है जो चार प्रकारों में सबसे खराब है. यह शोध भी इसी ग्रुप पर आधारित है. साउथ कैरोलिना मेडिकल यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर जेजाबेल रोड्रिगेज ब्लैंको द्वारा किए गए शोध में ट्रिप्टोलाइड और मिनेलाइड औषधि पर ध्यान केंद्रित किया गया है तथा ट्रिप्टोलाइड की एमवाईसी नामक एक ऑन्कोजीन या जीन को लक्षित करने की क्षमता की खोज की गई, जिसमें कैंसर उत्पन्न करने की क्षमता होती है.

हालांकि एमवाईसी लगभग 70 प्रतिशत मानव कैंसर में अनियमित या नियंत्रण से बाहर हैं, लेकिन ग्रुप 3 मेडुलोब्लास्टोमा में इसका स्तर बहुत अधिक होता है. शोध से पता चला कि ट्यूमर में एमवाईसी (प्रोटो-ओंकोजीन) की जितनी ज्यादा प्रतियां होती हैं, ट्रिप्टोलाइड उतना ही बेहतर काम करता है. अतिरिक्त एमवाईसी प्रतियों वाले ग्रुप 3 ट्यूमर में इसका प्रभाव 100 गुना ज्यादा था. इसके अलावा उन्होंने पाया कि मिनेलाइड ट्यूमर के विकास और मस्तिष्क तथा रीढ़ की हड्डी को ढकने वाले पतले ऊतकों (टिशू) में कैंसर कोशिकाओं के प्रसार को कम कर सकता है, जिसे लेप्टो मेनिंगेस कहा जाता है. इसके अलावा, प्रोड्रग के इस्तेमाल से वर्तमान में उपचार में प्रयुक्त कीमोथेरेपी दवा साइक्लोफॉस्फेमाइड का प्रभाव भी बढ़ गया. मिनेलाइड का परीक्षण वर्तमान में अग्नाशय के कैंसर सहित विभिन्न प्रकार के कैंसर वाले वयस्कों के क्लीनिकल ट्रायल में किया जा रहा है.

Last Updated : Aug 3, 2024, 6:06 AM IST

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