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पेपर कप में पीते हैं चाय तो हो जाइए सावधान, हो सकता है कैंसर का खतरा - Disposable Tea Cup Causes Cancer

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 30, 2024, 7:39 PM IST

लोगों की ये धारणा बन चुकी है कि पेपर कप या डिस्पोजेबल कप में चाय पीने से कुछ नहीं होता लेकिन ऐसा नहीं है. इनको बनाने में प्लास्टिक के कणों का उपयोग किया जाता है और लंबे समय तक रोजाना इसका उपयोग करने से कैंसर होता है.

DISPOSABLE TEA CUP CAUSES CANCER
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Paper Cup Dangerous For Health : पिछले कई सालों से लोग लगातार चाय, कॉफी और अन्य गर्म पेय पदार्थों के उपयोग के लिए पेपर कप या डिस्पोजेबल कप का इस्तेमाल करते आ रहे हैं. बाजार में चाय दुकानों पर सैकड़ों लोग रोजाना आपको इन कपों में चाय पीते नजर आते हैं. अगर आप भी पेपर कप में चाय पीते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि इससे धीरे-धीरे कैंसर का खतरा बढ़ता है. कई अध्ययन में ये बात सामने आ चुकी है कि पेपर कप में भी प्लास्टिक के कण होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं.

पेपर कप में होता है बारीक प्लास्टिक

कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ दीपेंद्र सल्लामे ने बताया कि "कई लोग पेपर कप में चाय पीना सुरक्षित मानते हैं जबकि पेपर कप में एक बारीक प्लास्टिक होता है, जब इस कप में गर्म चाय डाली जाती है तो प्लास्टिक पिघलता है और एक पेपर कप में करीब 25000 माइक्रो प्लास्टिक के कण होते हैं जो सीधे चाय पीने वालों के पेट में जाते हैं. अगर एक व्यक्ति दिन में 4 बार चाय पीता है तो एक लाख माइक्रो कण प्लास्टिक शरीर में पहुंचते हैं, जिससे कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.

स्टील या कांच के गिलास का करें उपयोग

डॉक्टर दीपेंद्र सल्लामेने बताया कि "चाय पीने के लिए सबसे सुरक्षित स्टील या कांच के गिलास होते हैं. जो व्यक्ति बार-बार चाय पीते हैं तो वो हर बार कांच के गिलास का उपयोग करें. स्टील या तांबे के ग्लास का भी उपयोग कर सकते हैं इससे आपके शरीर में नुकसान पहुंचाने वाले कण नहीं पहुंचेंगे."

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प्लास्टिक और स्याही से होता है कैंसर

डॉक्टर दीपेंद्र सल्लामेने बताया कि "कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण प्लास्टिक होता है. आजकल लोग खाने-पीने में प्लास्टिक के बर्तनों का ज्यादा उपयोग करते हैं, जिससे माइक्रो कण हमारे शरीर में पहुंचते हैं. इसी प्रकार देखा गया है कि कई दुकानों में अखबार के कागजों में खाने की चीज परोसी जाती है या पैक कर दे दी जाती है. जिसकी स्याही तेल के माध्यम से खाने में पहुंचती है और वह सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है. इसलिए अखबार के कागजों में भी खाने की चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए."

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