Diabetes In Indians : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद- ICMR और चेन्नई स्थित मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन- MDRF जैसे सरकार द्वारा वित्त पोषित संस्थानों के रिसर्चर्स द्वारा परीक्षण में पाया गया कि उन्नत ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स- AGEs से भरपूर खाद्य पदार्थ शरीर में सूजन पैदा करते हैं. निष्कर्षों से पता चला है कि केक, चिप्स, कुकीज, मेयोनीज, मार्जरीन, क्रैकर्स, तले हुए खाद्य पदार्थ और हाई प्रोसेस्ड फूड, जिनमें AGE की अधिकता होती है, भारत के विश्व की डायबिटीज राजधानी बनने का प्रमुख कारण हैं.
रिसर्च में पाया गया "ऐसा इसलिए है क्योंकि ग्लाइकेशन, एक गैर-एंजाइमी रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें एक शुगर अणु एक प्रोटीन या लिपिड अणु से बंधता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर में हानिकारक प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं."
रिसर्च में कई उच्च-AGE वाले खाद्य पदार्थों की पहचान की गई है जो स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करते हैं, जिनमें चिप्स, फ्राइड चिकन, समोसे और पकौड़े जैसी तली हुई चीजें; कुकीज, केक और क्रैकर्स जैसे पके हुए सामान; तैयार भोजन, मेयोनीज और मार्जरीन जैसे प्रोसेस्ड फूड; और उच्च तापमान पर पकाए गए पशु-आधारित खाद्य पदार्थ, जिनमें ग्रिल्ड या भुना हुआ मांस (बेकन, बीफ, पोल्ट्री) और अखरोट और सूरजमुखी के बीज जैसे भुने हुए मेवे शामिल हैं.
रिसर्च में पाया गया कि, "ये खाद्य पदार्थ भारतीय आहार में आम हैं और इन्हें नियमित रूप से ऐसे खाना पकाने के तरीकों जैसे 'तलना, भूनना, ग्रिल करना और पकाना' से तैयार किया जाता है जो उनके AGE स्तरों को बढ़ाते हैं. इस अध्ययन के निष्कर्ष इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फूड साइंसेज एंड न्यूट्रीशन (International Journal of Food Sciences and Nutrition) में प्रकाशित हुए हैं.