Biopsy Test Myth : बायोप्सी टेस्ट का नाम सुनते ही कोई भी व्यक्ति एक पल के लिए घबरा जाता है. बायोप्सी टेस्ट का उपयोग कैंसर की जांच के लिए किया जाता है. कई लोगों का यह मानना है कि बायोप्सी कराने से कैंसर फैल सकता है. बायोप्सी के दौरान शरीर के कैंसर प्रभावित हिस्से से टिश्यू निकाला जाता है, जिससे कैंसर की जांच की जाती है. इसके चलते कुछ लोगों को लगता है कि कैंसर प्रभावित हिस्से से टिश्यू निकालने से कैंसर तेजी से फैल सकता है. यही कारण है कि लोग बायोप्सी कराने से डरते हैं.
इस बारे में महंत इंद्रेश अस्पताल, देहरादून के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. अजय तिवारी ने ETV Bharat से बातचीत की. Cancer Specialist Dr. Ajay Tiwari ने बताया कि हमारे समाज में यह गलत धारणा है कि बायोप्सी कराने से कैंसर फैलता है. अक्सर, मरीज के शरीर में कैंसर की गांठ का पता चलने के बाद भी लोग घर पर बैठे रहते हैं और डॉक्टर के पास नहीं जाते, क्योंकि उन्हें डर होता है कि डॉक्टर बायोप्सी करने की सलाह देगा और इससे कैंसर फैल जाएगा.
बायोप्सी कराने से नही फैलता कैंसर
कैंसर विशेषज्ञ डॉ. अजय तिवारी (ETV Bharat)
Dr. Ajay Tiwari बताते हैं कि बायोप्सी कराने से कैंसर नहीं फैलता,बल्कि इसके माध्यम से कैंसर की जानकारी मिलती है. शरीर के अलग-अलग हिस्सों में कई बार गांठें बन जाती हैं, जो कैंसर या टीबी की हो सकती हैं. बायोप्सी करने से यह पता चलता है कि गांठ कैंसर की है या नहीं. उन्होंने कहा कि बायोप्सी से यह भी मालूम होता है कि कैंसर किस स्टेज में है और मरीज को कौन सा ट्रीटमेंट देना चाहिए या कौन-सी दवा उपयुक्त होगी. बायोप्सी से बीमारी का जल्दी पता चलता है और इसका शीघ्र इलाज किया जा सकता है.ऐसे की जाती है बायोप्सीCancer Specialist Dr. Ajay Tiwari ने बताया कि बायोप्सी में शरीर के कैंसर प्रभावित हिस्से से एक टिश्यू लिया जाता है, जिसके बाद उसकी जांच की जाती है. वर्तमान में, लेजर और निडिल के माध्यम से अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके बायोप्सी की जाती है, जो एक बिल्कुल सुरक्षित प्रक्रिया है. इस तरीके से दर्द कम होता हैं और मरीज के लिए यह प्रक्रिया अधिक आरामदायक होती हैं. बायोप्सी के माध्यम से कैंसर के प्रकार और स्टेज का पता लगाने में मदद मिलती है, जिससे सही इलाज और उपचार दिया जाता है.डिस्कलेमर :-- यहां आपको दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए लिखी गई है. यहां उल्लिखित किसी भी सलाह का पालन करने से पहले, विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.