नई दिल्ली:साल 2014 में पहली बार मोदी सरकार बनी थी. साल 2024 में लगातार तीसरी बार पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार बनी है. अब वित्त मंत्री 23 जुलाई को मोदी सरकार के कार्यकाल का पहला आम बजट पेश करने वाली है. मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान कई पुरानी परंपराएं बदली हैं. पहले आम बजट और रेल बजट अलग-अलग पेश किया जाता था. लेकिन 2017 में अलग से रेल बजट पेश करना बंद कर दिया था. जब केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2016 में इसे आम बजट में विलय करने की मंजूरी दी थी. इस निर्णय से अलग रेल बजट पेश करने की 92 साल पुरानी प्रथा समाप्त हो गई. इसके स्थान पर रेलवे के प्रस्तावों को आम बजट में शामिल कर दिया गया.
अरुण जेटली ने क्या कहा था?
तत्कालीन वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली ने कहा था कि हम केंद्रीय बजट को रेल बजट में मिला रहे हैं. अब केवल एक ही बजट होगा. रेलवे की फंक्शनल ऑटोमॉनी बरकरार रखी जाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि देबरॉय समिति ने रेल बजट को आम बजट में विलय करने की सिफारिश की थी.
क्यों किया गया अलग?