नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य पदार्थों, विशेषकर सब्जियों की कीमतों में गिरावट के कारण भारत की थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दिसंबर में 2.37 फीसदी से घटकर जनवरी में 2.31 फीसदी हो गई. दिसंबर 2024 में डब्ल्यूपीआई महंगाई 2.37 फीसदी थी.
जनवरी में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई में गिरावट ने विशेषज्ञों को आश्चर्यचकित नहीं किया, क्योंकि नई फसल के आने के साथ खाद्य कीमतों में गिरावट की उम्मीद थी. रॉयटर्स के अर्थशास्त्रियों के एक सर्वेक्षण में जनवरी में थोक मुद्रास्फीति में लगभग 2.5 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद थी.
खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट
सूचकांक में प्रमुख योगदान देने वाले खाद्य पदार्थों की कीमतों में जनवरी में 7.47 फीसदी की वृद्धि हुई, जो दिसंबर में 8.89 फीसदी से कम है. सब्जियों की कीमतों में साल-दर-साल 8.35 फीसदी की वृद्धि हुई, लेकिन पिछले महीने की 28.65 फीसदी की वृद्धि से कम है.
जनवरी में अनाज की कीमतों में 7.33 फीसदी की वृद्धि हुई, जो दिसंबर में 6.82 फीसदी थी. दालों की कीमतों में दिसंबर में 5.02 फीसदी से जनवरी में मामूली वृद्धि हुई और यह 5.08 फीसदी हो गई.
खाद्य पदार्थों की कीमतें एक वर्ष से अधिक समय से ऊंची बनी हुई हैं. मुख्य रूप से नवंबर 2023-जून 2024 के दौरान असमान और सामान्य से कम मानसून वर्षा के कारण.