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क्या है ग्रेच्युटी... कितना मिलता है पैसा, प्राइवेट कर्मचारियों के लिए क्या हैं शर्तें, जानें - Know About Gratuity - KNOW ABOUT GRATUITY

What is Gratuity Pay in Salary: किसी कर्मचारी के रिटायर होने पर उसकी कई वर्षों की सेवाओं के बदले कंपनी द्वारा उपहार के तौर पर ग्रेच्युटी दी जाती है. यह सेवानिवृत्त के समय पर मिलने वाली लाभकारी योजना है. किसी कर्मचारी को बीच में नौकरी छोड़ने पर भी ग्रेच्युटी मिलती हैं, लेकिन इसके लिए कुछ पूर्वनिर्धारित शर्तों को पूरा करना होगा है. ग्रेच्युटी के बारे में सबकुछ जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

What is Gratuity Pay in Salary eligibility for gratuity calculator
प्राइवेट कर्मचारी को ग्रेच्युटी कब मिलती है? (Getty Image)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 7, 2024, 4:09 PM IST

हैदराबाद: ग्रेच्युटी किसी कर्मचारी रिटायर होने या नौकरी छोड़ने पर कंपनियों द्वारा उपहार या सराहना के तौर पर दी जाती है. इसके लिए कर्मचारी को एक निर्धारित समय तक कंपनी में सेवा करनी होती है, तभी वह इसके लिए पात्र होगा. ग्रेच्युटी के लिए वही कर्मचारी पात्र होंगे, जो एक कंपनी में कम से कम पांच साल तक कार्य कर चुके हों.

ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 में इसके लिए पात्रता, शर्तें और अन्य प्रावधान किए गए हैं. इस अधिनियम में निर्दिष्ट है कि कोई कर्मचारी कब ग्रेच्युटी का हकदार है और इसे सुनिश्चित करने के लिए कंपनियों की क्या जिम्मेदारी है. यह अधिनियम सरकारी विभागों, रक्षा, स्थानीय शासी संस्थाओं और निजी संगठनों सहित विभिन्न क्षेत्रों पर लागू होता है, इसके लिए जरूरी है कि ये संस्थाएं और कंपनियां पूर्वनिर्धारित शर्तों को पूरा करती हों.

ग्रेच्युटी के लिए मानदंड

किसी भी कर्मचारी को ग्रेच्युटी पाने के लिए नौकरी छोड़ने या रिटायर होने से पहले लगातार 4 वर्ष, 10 महीने, और 11 दिन सेवा पूरी करनी होगी. यानी मोटे तौर पर लगातार पांच साल की सेवा पूरी करनी होगी. हालांकि, कुछ परिस्थितियों जैसे तालाबंदी, दुर्घटना, अनधिकृत अनुपस्थिति या बर्खास्तगी में कंपनियां इसके लिए बाध्य नहीं हैं.

ग्रेच्युटी न सिर्फ रिटायर होने पर मिलती है बल्कि विभिन्न अन्य स्थितियों में भी मिलती है जैसे: इस्तीफा, मृत्यु या विकलांगता, छंटनी, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, सेवा समाप्ति (कर्मचारी की गलती के बिना).

कंपनियों के लिए मानदंड

कानून के तहत अगर किसी कंपनी में पिछले एक साल से 10 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं तो ऐसी कंपनियों या संगठनों को ग्रेच्युटी का भुगतान करना आवश्यक है. गैर-खनन क्षेत्र के लिए एक वर्ष में 240 कार्य दिवस होते हैं, जबकि खनन क्षेत्र के लिए 190 दिन है. वहीं, कुछ निजी क्षेत्र की कंपनियों में 10 साल की सेवा के बाद ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाता है.

नियम के अपवाद

पांच साल की अवधि से पहले ग्रेच्युटी पात्रता के लिए दो अपवाद हैं:

  • मृत्यु या विकलांगता के कारण सेवा समाप्ति: इन परिस्थितियों में कर्मचारी सेवा अवधि पूरी किए बिना ग्रेच्युटी के लिए पात्र हैं.
  • 4 साल 240 दिन का नियम: कर्मचारी कुछ शर्तों के तहत सिर्फ चार साल और सात महीने की सेवा के साथ ग्रेच्युटी के लिए पात्र हो सकते हैं.

ग्रेच्युटी कैसे कैलकुलेट करें

ग्रेच्युटी की राशि कर्मचारी के अंतिम वेतन और उनके कार्यकाल वर्षों पर निर्भर करती है. ग्रेच्युटी अधिनियम के तहत कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का फॉर्मूला इस प्रकार है:

फॉर्मूला = (15 × अंतिम वेतन × कार्य वर्षों की संख्या) / 26

  • अंतिम वेतन में मूल वेतन और महंगाई भत्ता (डीए) शामिल है.
  • एक साल में छह महीने या उससे अधिक कार्य वर्ष पूरे होने पर एक कार्य वर्ष के रूप में मान्यता दी जाती है.

उदाहरण के लिए:

XYZ की सेवा अवधि = 14 वर्ष और 8 महीने

कार्य वर्षों की संख्या = 15 वर्ष

अंतिम वेतन = 40,000 रुपये

कुल ग्रेच्युटी राशि= 15 × 40,000 × 15 / 26 = 3,46,153

ग्रेच्युटी से संबंधित मुख्य बातें

  • अधिकतम ग्रेच्युटी 20 लाख रुपये से अधिक नहीं हो सकती. इससे अधिक की राशि को अनुग्रह राशि माना जाता है, जो स्वैच्छिक है और कानूनी रूप से लागू नहीं है.
  • ग्रेच्युटी गणना के लिए छह महीने से अधिक की सेवा को अगले पूर्ण वर्ष तक पूर्णांकित किया जाता है.
  • कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में ग्रेच्युटी नियमों के अनुसार नामित व्यक्ति या उत्तराधिकारी को ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाता है.
  • कदाचार के लिए सेवा की समाप्ति पर कंपनी के पास ग्रेच्युटी जब्त करने का अधिकार है यानी कंपनी ग्रेच्युटी भुगतान से इनकार कर सकती है.
  • कंपनी के दिवालिया होने की स्थिति में भी वो ग्रेच्युटी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए बाध्य हैं.
  • अगर रोजगार की समाप्ति से 30 दिनों के भीतर ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया जाता है, तो कंपनी को ब्याज के साथ भुगतान करना होगा.

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