नई दिल्ली:कर्मचारी अपने वेतन पर इनकम टैक्स कटौती पाने के लिए बहुत प्रयास करते हैं. इसके लिए वे सभी उपलब्ध साधनों का यूज करते हैं. लेकिन बहुत कम लोग अपने कार्यालय से कुछ भत्ते प्राप्त करके आयकर छूट प्राप्त करते हैं. लेकिन सभी कंपनियां ये भत्ते नहीं देती हैं. अगर आप उन्हें प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको नौकरी में शामिल होने के समय उनके बारे में पूछना चाहिए. अगर कंपनी भत्ते देने के लिए सहमत होती है, तो रोजगार की अवधि के लिए वित्तीय लाभ के साथ आयकर छूट भी दी जाएगी. अब आज इस खबर के माध्यम से जानते है कि ऑफिस अलाउंस के बारे में जो औसत कर्मचारी को अपनी बचत बढ़ाने में मदद करते हैं.
- लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA)-सभी वित्तीय रूप से मजबूत कंपनियां अपने कर्मचारियों को लीव ट्रैवल अलाउंस देती हैं. कर्मचारी देश में कहीं भी अपने परिवार के साथ घूमने जाते हैं तो वे यात्रा पर हुए खर्च बिल कंपनी को जमा करके LTA भत्ता प्राप्त कर सकते हैं. इस पर कर्मचारी आयकर छूट प्राप्त कर सकता है.
- हाउस रेंट अलाउंस (HRA)- हाउस रेंट अलाउंस को 'HRA' के रूप में जाना जाता है. कंपनी हर महीने कर्मचारी के घर के किराए का एक हिस्सा देती है. कर्मचारी को कंपनी से सालाना मिलने वाला HRA इनकम टैक्स से फ्री होता है.
- फूड अलाउंस (FA)-कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को फूड अलाउंस भी देती हैं. कई संगठन अपने कर्मचारियों को प्रीपेड फूड वाउचर/कूपन देते हैं. उन फूड कूपन का इस्तेमाल करने पर भी आयकर छूट मिलेगी. अगर आप ऐसे फूड कूपन का इस्तेमाल करते हैं तो आपको हर भोजन पर 50 रुपये तक की टैक्स छूट मिलेगी.
- ट्रैवल अलाउंस (TA)-कई कंपनियां कर्मचारी द्वारा घर से ऑफिस और ऑफिस से घर आने-जाने के लिए किए गए यात्रा खर्च का भी भुगतान करती हैं. इसे यात्रा भत्ता कहते हैं. कई कंपनियां सैलरी स्लिप में इस भत्ते को दिखाती हैं. ऐसे भत्तों पर आयकर छूट भी मिलती है.
- एजुकेशन अलाउंस (EA)-कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा के लिए भी भत्ता देती हैं. इसे शिक्षा भत्ता कहते हैं. इस तरह के भत्ते पर कर्मचारी 100 रुपये प्रति माह या 1200 रुपये प्रति वर्ष आयकर छूट पा सकता है. लेकिन जिनके दो से अधिक बच्चे हैं, वे इस छूट के लिए पात्र नहीं हैं.
- मेडिकल अलाउंस (एमए)- कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को मेडिकल अलाउंस देती हैं. अगर कोई कर्मचारी अपने परिवार के सदस्यों का इलाज करवाता है तो वह कंपनी में बिल जमा करके रिम्बर्समेंट प्राप्त कर सकता है. यह भत्ता भी आयकर से मुक्त है.
- कार मेंटेनेंस अलाउंस (सीएमए)-कुछ कंपनियां अपने मौजूदा कर्मचारियों को कार रखरखाव भत्ता भी देती हैं. इसके तहत कर्मचारी कार रखरखाव, डीजल खर्च, पेट्रोल खर्च का बिल कंपनी में जमा करके रिम्बर्समेंट प्राप्त कर सकता है. इस भत्ते पर भी कोई टैक्स नहीं लगता.
- फोन बिल अलाउंस (पीबीआर)-कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को फोन बिल भत्ता दिया जाता है. कंपनियां कर्मचारियों के प्रीपेड, पोस्टपेड, लैंड लाइन, ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन बिलों का भुगतान करती हैं. इन बिलों पर कोई टैक्स नहीं लगता.
- गिफ्ट वाउचर-कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को उपहार के तौर पर वाउचर या टोकन देती हैं. 5 हजार रुपये प्रति वर्ष से कम मूल्य के गिफ्ट वाउचर या टोकन पर टैक्स नहीं लगता.
- यूनिफॉर्म अलाउंस (यूए)-कर्मचारी को कंपनी में पहनी जाने वाली वर्दी पर भी भत्ता मिल सकता है। कर्मचारी इस भत्ते का इस्तेमाल वर्दी खरीदने और उसे बनाए रखने के लिए कर सकते हैं.