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लगातार दूसरे महीने महंगाई से राहत, थोक बाजार में घटी कीमतें, जानें क्या हुआ सस्ता - Wholesale Inflation in August

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 17, 2024, 2:37 PM IST

Updated : Sep 17, 2024, 2:44 PM IST

Wholesale Inflation in August- महंगाई के मोर्चे पर एक राहत भरी खबर मिली है. अगस्त में थोक महंगाई दर 2 फीसदी से नीचे घटकर 1.31 फीसदी पर आ गया. पढ़ें पूरी खबर...

Wholesale Inflation in August
अगस्त में थोक महंगाई (प्रतीकात्मक फोटो) (IANS Photo)

नई दिल्ली: मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सब्जियों, खाद्य पदार्थों और ईंधन के सस्ते होने से थोक महंगाई अगस्त में लगातार दूसरे महीने घटकर 1.31 फीसदी रह गई. जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई 2.04 फीसदी थी. पिछले साल अगस्त में यह (-) 0.46 फीसदी थी.

उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अगस्त 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, कपड़ा निर्माण और मशीनरी और उपकरण आदि के निर्माण की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण है.

आंकड़ों के अनुसार, खाद्य पदार्थों में मुद्रास्फीति जुलाई में 3.45 फीसदी के मुकाबले अगस्त में 3.11 फीसदी रही.

इसका कारण सब्जियों की कीमतों में गिरावट रही, जिसमें जुलाई में 8.93 फीसदी की तुलना में अगस्त में 10.01 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.

अगस्त में आलू और प्याज की महंगाई 77.96 फीसदी और 65.75 फीसदी के उच्च स्तर पर बनी रही.

फ्यूल और बिजली श्रेणी में जुलाई में 1.72 फीसदी की महंगाई के मुकाबले अगस्त में 0.67 फीसदी की गिरावट देखी गई.

पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों से पता चला कि सब्जियों की ऊंची कीमतों के कारण अगस्त में खुदरा महंगाई 3.65 फीसदी थी. यह जुलाई में 3.60 फीसदी से अधिक थी.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), जो मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई को ध्यान में रखता है. इसने अगस्त में लगातार नौवीं बार बेंचमार्क ब्याज दर या रेपो दर को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा.

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नई दिल्ली: मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सब्जियों, खाद्य पदार्थों और ईंधन के सस्ते होने से थोक महंगाई अगस्त में लगातार दूसरे महीने घटकर 1.31 फीसदी रह गई. जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई 2.04 फीसदी थी. पिछले साल अगस्त में यह (-) 0.46 फीसदी थी.

उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अगस्त 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, कपड़ा निर्माण और मशीनरी और उपकरण आदि के निर्माण की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण है.

आंकड़ों के अनुसार, खाद्य पदार्थों में मुद्रास्फीति जुलाई में 3.45 फीसदी के मुकाबले अगस्त में 3.11 फीसदी रही.

इसका कारण सब्जियों की कीमतों में गिरावट रही, जिसमें जुलाई में 8.93 फीसदी की तुलना में अगस्त में 10.01 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.

अगस्त में आलू और प्याज की महंगाई 77.96 फीसदी और 65.75 फीसदी के उच्च स्तर पर बनी रही.

फ्यूल और बिजली श्रेणी में जुलाई में 1.72 फीसदी की महंगाई के मुकाबले अगस्त में 0.67 फीसदी की गिरावट देखी गई.

पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों से पता चला कि सब्जियों की ऊंची कीमतों के कारण अगस्त में खुदरा महंगाई 3.65 फीसदी थी. यह जुलाई में 3.60 फीसदी से अधिक थी.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), जो मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई को ध्यान में रखता है. इसने अगस्त में लगातार नौवीं बार बेंचमार्क ब्याज दर या रेपो दर को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा.

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Last Updated : Sep 17, 2024, 2:44 PM IST
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