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एमपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद युवक अस्पताल में भर्ती, हाल ही में दुबई से केरल लौटा था - Mpox Case in Malappuram

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 17, 2024, 7:14 PM IST

Mpox Case in Malappuram: केरल के मलप्पुरम में निपाह के लिए 13 लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है. वहीं दूसरी तरफ दुबई से लौटे एक शख्स में एमपॉक्स के लक्षण दिखने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

Mpox symptoms in Malappuram
प्रतीकात्मक तस्वीर (IANS)

मलप्पुरम: केरल के मलप्पुरम में एक युवक में एमपॉक्स के लक्षण दिखने पर मंचेरी के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मूल रूप से एडवन्ना का रहने वाला 38 वर्षीय यह युवक हाल ही में दुबई से लौटा था. बुखार और चिकनपॉक्स जैसे त्वचा पर चकत्ते होने के बाद उसे निगरानी में रखा गया था.

कल सुबह अस्पताल के त्वचा रोग विभाग में पहुंचने पर, एक विशेषज्ञ ने तुरंत उसकी जांच की. उसके स्वाब का नमूना आगे के विश्लेषण के लिए कोझिकोड मेडिकल कॉलेज वायरोलॉजी लैब भेजा गया है ताकि यह पुष्टि हो सके कि उसे एमपॉक्स हुआ है या नहीं.

यह केरल में पहला मामला है जहां देश में वायरस की पुष्टि के बाद एमपॉक्स के लक्षण दिखाने वाले मरीज को निगरानी में रखा गया है. स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. साथ ही वे परीक्षण के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं और उचित उपाय सुनिश्चित करना जारी रख रहे हैं.

अधिकारी के मुताबिक, जांच के लिए उसके नमूने कोझिकोड मेडिकल कॉलेज भेजे गए हैं. जांच रिपोर्ट मिलने का इंतजार है. डब्ल्यूएचओ ने पिछले महीने अफ्रीका के कई हिस्सों में इसकी व्यापकता और प्रसार को देखते हुए दूसरी बार एमपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था. प्राप्त जानकारा के मुताबिक, एमपॉक्स संक्रमण आम तौर पर केवल पीड़ित तक सीमित रहता है. यह कुछ सप्ताह तक रहता है. इसके मरीज आमतौर पर चिकित्सा देखभाल से स्वस्थ हो जाते हैं. जानकारी के मुताबिक, यह संक्रमित रोगी के साथ लंबे समय तक और निकट संपर्क में रहने से फैलता है.

ये भी पढ़ें: केरल में निपाह के लिए 13 लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने से राहत की सांस

मलप्पुरम: केरल के मलप्पुरम में एक युवक में एमपॉक्स के लक्षण दिखने पर मंचेरी के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मूल रूप से एडवन्ना का रहने वाला 38 वर्षीय यह युवक हाल ही में दुबई से लौटा था. बुखार और चिकनपॉक्स जैसे त्वचा पर चकत्ते होने के बाद उसे निगरानी में रखा गया था.

कल सुबह अस्पताल के त्वचा रोग विभाग में पहुंचने पर, एक विशेषज्ञ ने तुरंत उसकी जांच की. उसके स्वाब का नमूना आगे के विश्लेषण के लिए कोझिकोड मेडिकल कॉलेज वायरोलॉजी लैब भेजा गया है ताकि यह पुष्टि हो सके कि उसे एमपॉक्स हुआ है या नहीं.

यह केरल में पहला मामला है जहां देश में वायरस की पुष्टि के बाद एमपॉक्स के लक्षण दिखाने वाले मरीज को निगरानी में रखा गया है. स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. साथ ही वे परीक्षण के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं और उचित उपाय सुनिश्चित करना जारी रख रहे हैं.

अधिकारी के मुताबिक, जांच के लिए उसके नमूने कोझिकोड मेडिकल कॉलेज भेजे गए हैं. जांच रिपोर्ट मिलने का इंतजार है. डब्ल्यूएचओ ने पिछले महीने अफ्रीका के कई हिस्सों में इसकी व्यापकता और प्रसार को देखते हुए दूसरी बार एमपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था. प्राप्त जानकारा के मुताबिक, एमपॉक्स संक्रमण आम तौर पर केवल पीड़ित तक सीमित रहता है. यह कुछ सप्ताह तक रहता है. इसके मरीज आमतौर पर चिकित्सा देखभाल से स्वस्थ हो जाते हैं. जानकारी के मुताबिक, यह संक्रमित रोगी के साथ लंबे समय तक और निकट संपर्क में रहने से फैलता है.

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