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कर्नाटक सरकार आखिर क्यों SBI, PNB से नाराज है? जानें असली वजह - Karnataka PNB SBI

Karnataka PNB SBI- कर्नाटक सरकार ने सभी सरकारी विभागों को एसबीआई, पीएनबी के साथ लेनदेन निलंबित करने का निर्देश दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

KARNATAKA PNB SBI
कर्नाटक सरकार SBI, PNB से क्यों नाराज है? (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 15, 2024, 12:00 PM IST

नई दिल्ली:कर्नाटक सरकार ने अपने सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, सार्वजनिक क्षेत्र की यूनिट और विश्वविद्यालयों को भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक में अपनी सभी जमाराशियां और निवेश वापस लेने का आदेश दिया है. साथ ही इन संस्थाओं के साथ कोई भी कारोबार बंद करने का आदेश दिया है.

कर्नाटक सरकार ने निवेश वापस लेने के दिए कारण

  • पैसे के दुरुपयोग के आरोपों के कारण इन बैंकों में आगे कोई जमाराशि या निवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.
  • वित्त विभाग के सचिव (बजट और संसाधन) पीसी जाफर ने 12 अगस्त को जारी एक परिपत्र के अनुसार, जिसे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंजूरी दी है. राज्य सरकार ने सभी विभागों के लिए अनुपालन हेतु 20 सितंबर की समयसीमा तय की है.
  • सर्कुलर में कहा गया है कि बैंक अधिकारियों के साथ बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला और मामला अब न्यायालय में विचाराधीन है.
  • यह आदेश बैंक कर्मचारियों से जुड़े घोटाले के बाद कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) द्वारा जमा किए गए 12 करोड़ रुपये को वापस लेने से इनकार करने के बाद आया है.

इसी तरह, सर्कुलर में कहा गया है कि कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (केएसपीसीबी) द्वारा जमा किए गए 10 करोड़ रुपये बैंक अधिकारियों द्वारा किए गए घोटाले के कारण बैंक द्वारा वापस नहीं किए गए.

जाफर ने सर्कुलर में कहा कि महालेखा परीक्षक ने भी इस पर आपत्ति जताई है. इस पृष्ठभूमि में, इस परिपत्र के माध्यम से सूचित किया जाता है कि राज्य सरकार के विभाग, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां, निगम, बोर्ड, स्थानीय निकाय और विश्वविद्यालय और अन्य संस्थान भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक की सभी शाखाओं में किए गए सभी जमा/निवेश को वापस ले लें और भविष्य में कोई जमा/निवेश नहीं किया जाना चाहिए.

सरकार ने सरकारी संस्थानों को इन दोनों बैंकों में अपने खाते बंद करने, प्रमाणित क्लोजर रिपोर्ट जमा करने और निर्धारित प्रारूप में जमा और निवेश रिपोर्ट का विवरण 20 सितंबर, 2024 तक वित्त विभाग को भेजने का भी निर्देश दिया.

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