नई दिल्ली: साल 2024 खत्म होने वाला है. इसके साथ ही अब आपको अपनी कंपनी में इनकम टैक्स बचाने के लिए किए गए इन्वेस्टमेंट्स के प्रूफ जमा करने होंगे. सही डॉक्युमेंट्स और फॉर्मेट में इन्वेस्टमेंट प्रूफ जमा करके आप अपना टैक्स बचा सकते हैं. हालांकि, अगर आपने इसके लिए अब तक तैयारी नहीं की है, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है.
इनकम टैक्स बचाने के लिए हर साल इन्वेस्टमेंट प्रूफ देना जरूरी होता है. खासकर सैलरीड कर्मचारियों के लिए. अगर आपने वित्तीय वर्ष में 80C, 80D, या किसी अन्य सेक्शन के तहत निवेश किए हैं, तो उन्हें प्रूफ के साथ जमा करना होगा .अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपकी सैलरी से ज्यादा टैक्स काट लिया जाता है.
इन्वेस्टमेंट प्रूफ कब देना होता है?
हर कंपनी की अपनी एक समय-सीमा होती है, लेकिन ज्यादातर कंपनियां दिसंबर के अंत या जनवरी में आपसे डॉक्युमेंट्स मांगने लगती हैं. चूंकि दिसंबर का महीना चल रहा है. ऐसे में कंपनियों ने इन्वेस्टमेंट प्रूफ जमा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसे समय से पहले पूरा कर लेना चाहिए.
इन्वेस्टमेंट प्रूफ के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट्स
अगर आपने PPF या म्यूचुअल फंड में इंवेस्ट किया है तो आपको इसका प्रमाण देना होगा. जिन लोगों ने लाइफ इंश्योरेंस खरीदा है, उनको बीमा पॉलिसी की प्रीमियम रसीद जमा करनी होगी. वहीं, आप नेशनल पेंशन सिस्टम में किए गए निवेश का सार्टिफिकेट भी जमा कर सकते हैं.
होम लोन पर टैक्स छूट पाने के लिए आपको होम लोन प्रिंसिपल और इंटरेस्ट सर्टिफिकेट की आवश्यकता पड़ेगी. अगर आपने हेल्थ इंश्योरेंस लिया है तो आपको इसके प्रीमियम की रसीद देनी होगी. अगर आप HRA क्लेम कर रहे हैं तो आपको किराए की रसीद चाहिए होगी . वहीं, 80G के तहत टैक्स में छूट पाने के लिए आप रजिस्टर्ड संस्थानों को दिए गए दान का सार्टिफिकेट भी जमा कर सकते हैं.
कैसे जमा करें इंवेस्टमेंट प्रूफ?
इन्वेस्टमेंट प्रूफ जमा करने के लिए HR पोर्टल पर अपने दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करें . इसके बाद फॉर्म 12BB भरें. यह फॉर्म आपकी टैक्स डिक्लेरेशन के लिए अहम है. गौरतलब है कि इंवेस्टमेंट प्रूफ करने के लिए समय सीमा का ध्यान रखें और अंतिम तिथि से पहले दस्तावेज जमा करें.
इन बातों का रखें ख्याल
दस्तावेज सबमिट करते समय इस बात का ध्यान रखें कि वे स्पष्ट और सही फॉर्मेट में हों.साथ ही इसमें कोई गलत जानकारी न हो. गलत जानकारी देने पर आप पर भारी जुर्माना लग सकता है.निवेश के प्रमाण जितना हो सके डिजिटल फॉर्मेट में रखें ताकि आप भविष्य में इनकी जरूरत पड़ने पर उन्हें एक्सेस किया जा सके.
समय पर प्रूफ नहीं देने पर क्या होगा?
अगर आप समय पर अपना इंवेस्टमेंट प्रूफ नहीं देते हैं, तो कंपनी आपके निवेश को मान्यता नहीं देती और आपका ज्यादा टैक्स कट जाता है. हालांकि, आप यह एक्स्ट्रा टैक्स, इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय क्लेम कर सकते हैं. बता दें कि अगर आप इन्वेस्टमेंट प्रूफ समय से पहले जमा करते हैं तो आपको न सिर्फ टैक्स में छूट मिलेगी, बल्कि आपका सालभर की प्लानिंग भी सही तरीके से होगी.