नई दिल्ली:केंद्र सरकार ने बजट 2025-26 में देश के गिग वर्कर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़े कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है. वित्त मंत्री ने संसद में बजट पेश करते हुए बताया कि सरकार गिग वर्कर्स की पहचान और पंजीकरण के लिए एक विशेष योजना लागू करेगी. इस योजना के तहत, फूड डिलीवरी, कैब ड्राइवर, फ्रीलांसर, लॉजिस्टिक्स और ऑनलाइन सर्विसेज में काम कर रहे लगभग 1 करोड़ कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी लाभ मिलेंगे.
गिग वर्कर कौन होते हैं?
लेकिन इस योजना को समझने से पहले ये जानना जरूरी है कि गिग वर्कर कौन होते हैं? गिग वर्कर वो कर्मचारी होते हैं जो काम के बदले भुगतान के आधार पर रखे जाते हैं. ये कर्मचारी कंपनी के साथ लंबे समय तक भी काम कर सकते हैं. इसमें स्वतंत्र रूप से कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारी, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए काम करने वाले कर्मचारी, ठेका फर्म के कर्मचारी, कॉल पर काम के लिए उपलब्ध कर्मचारी और अस्थायी कर्मचारी शामिल हैं.
योजना का मुख्य उद्देश्य
इस नई योजना के तहत, गिग और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सरकार द्वारा पहचान पत्र दिए जाएंगे और उनका ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराया जाएगा. इसके साथ ही, उन्हें प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के तहत स्वास्थ्य बीमा भी मिलेगा. यह सुविधा लगभग 1 करोड़ गिग वर्कर्स को सीधे लाभान्वित करेगी.
आज के समय में, फूड डिलीवरी, कैब ड्राइविंग, फ्रीलांसिंग, लॉजिस्टिक्स और ऑनलाइन सर्विसेज में लाखों लोग गिग वर्कर्स के रूप में काम कर रहे हैं. इन कर्मचारियों का रोजगार अस्थायी होता है और इन्हें कंपनियों की तरफ से किसी भी प्रकार की अतिरिक्त सुरक्षा या लाभ नहीं मिलता है. इसी को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने गिग इकोनॉमी के कर्मचारियों के लिए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है.