हैदराबाद: हर घर में अपनी पहचान बना चुके ब्रिटानिया गुड डे, मारी गोल्ड और न्यूट्री च्वाइस जैसे लोकप्रिय बिस्कुट अब मंहगी होने वाली है. ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2025 के अंत तक अपने उत्पादों की कीमतें और बढ़ाने की घोषणा की है. खबरों के अनुसार, यह फैसला कंपनी को पाम ऑयल, कोको और चीनी जैसी आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती लागत के दबाव से निपटने के लिए लेना पड़ा है.
बता दें कि, दिसंबर तिमाही में भी ब्रिटानिया ने अपने उत्पादों की कीमतें 2% बढ़ाई थीं. हालांकि, कंपनी को बढ़ती महंगाई के साथ-साथ हिंदुस्तान यूनिलीवर और नेस्ले इंडिया जैसी अन्य एफएमसीजी कंपनियों को भी इसी तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
4-4.5% तक की बढ़ोतरी की योजना
कंपनी ने अपनी पोस्ट-अर्निंग्स कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान निवेशकों को बताया कि बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए वित्तीय वर्ष 2025 के अंत तक 4-4.5% तक कीमतें बढ़ाने की योजना बनाई गई है. कीमतों में यह वृद्धि चरणबद्ध तरीके से की जाएगी. कंपनी के अनुसार, तीसरी तिमाही में कुल कीमत वृद्धि 2% रही और आगामी महीनों में अतिरिक्त 4-4.5% की वृद्धि की उम्मीद है. महंगाई और कमजोर मांग के चलते कंपनी वित्तीय वर्ष 2025 में कुल 6-6.5% कीमत वृद्धि का लक्ष्य बना रही है, जिसमें 2-2.5% लागत दक्षता शामिल होगी.
ब्रिटानिया के प्रबंधन ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि महंगाई का दबाव बना रहता है तो वे कीमतों में और बढ़ोतरी करने के लिए तैयार हैं. कंपनी हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है और उपभोक्ता को उचित मूल्य पर उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है.
मुनाफे में 5% की वृद्धि
31 दिसंबर को समाप्त तिमाही के लिए ब्रिटानिया ने समेकित शुद्ध लाभ में 5% की वृद्धि दर्ज की. कंपनी का मुनाफा 582 करोड़ रुपये रहा, जो विश्लेषकों के 521 करोड़ रुपये के अनुमान से अधिक था. ब्रिटानिया का तिमाही राजस्व 8% बढ़कर ₹4,593 करोड़ हो गया, जबकि कुल खर्च 9% बढ़कर ₹3,875 करोड़ तक पहुंच गया.
हालांकि, शेयर बाजार में ब्रिटानिया के शेयरों में शुक्रवार को 1.70% की गिरावट देखी गई और यह ₹4,872 पर बंद हुए. यह गिरावट बाजार की अस्थिरता और निवेशकों की मुनाफावसूली के कारण हो सकती है.
महंगाई से निपटने के लिए रणनीति
ब्रिटानिया के प्रबंधन ने कहा, "जब कीमतें बढ़ती हैं तो वॉल्यूम प्रभावित होता है. लेकिन हमें सही कदम उठाने होते हैं. अगर महंगाई का दबाव जारी रहा, तो कीमतों में और बढ़ोतरी की जा सकती है. हम इस स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं." कंपनी का EBITDA मार्जिन 17-18% की मौजूदा सीमा में रहने की उम्मीद है. कंपनी का मानना है कि लागत दक्षता में सुधार और रणनीतिक मूल्य निर्धारण के माध्यम से वे अपने मार्जिन को बनाए रखने में सक्षम होंगे.
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