नई दिल्ली: ऑटोमोबाइल उद्योग ने भारतीय रिजर्व बैंक के ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती का स्वागत किया है. साथ ही उद्योग का मानना है कि इससे मजबूत मांग बढ़ने की उम्मीद है और ऑटो क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. उद्योग जगत के लोगों ने कहा कि व्यक्तियों को आयकर में राहत दिए जाने के तुरंत बाद दरों में की गई कटौती से ऑटो क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे 6.25% कर दिया. मई 2020 के बाद यह पहली कटौती थी.
ऑटो सेक्टर पर प्रभाव
रेपो रेट में कटौती का असर ऑटो लोन पर भी पड़ने वाला है. RBI की घोषणा के बाद फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अध्यक्ष सी एस विग्नेश्वर ने कहा कि RBI के रेपो रेट में 25 बीपीएस की कटौती करके इसे 6.25% करने का निर्णय, जो पिछले पांच वर्षों में पहली कटौती है. एक नीतिगत बदलाव का संकेत देता है, जो महंगाई पर कड़ी नजर रखते हुए आर्थिक विकास को प्राथमिकता देता है.
ऑटो लोन के और अधिक किफायती होने के साथ, हम मूल्य-संवेदनशील दोपहिया और एंट्री-लेवल कार सेगमेंट में मजबूत मांग की उम्मीद करते हैं, जिन्हें प्राइस बढ़ोतरी और सस्टेनेबिलिटी संबंधी चिंताओं का सामना करना पड़ा है.
इसके अलावा यह कटौती वित्त मंत्री की हाल ही में 12.75 लाख रुपये तक शून्य कर की घोषणा के साथ सहज रूप से मेल खाती है, जिससे उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल इनकम में बढ़ोतरी होगी.
जब इन उपायों को एक साथ जोड़ा जाता है, तो वे सेगमेंट फिर से सक्रिय हो सकते हैं जो पिछड़ रहे हैं, जिससे उन्हें व्यापक बाजार के साथ तालमेल बिठाने में मदद मिलेगी
एफएडीए महंगाई पर न्यूट्रल बने रहते हुए विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए आरबीआई की सराहना करता है और हम उम्मीद करते हैं कि यह दर कटौती आने वाले महीनों में भारत के ऑटो रिटेल क्षेत्र को बहुत जरूरी गति देगी.