लुधियाना:भारत दुनिया में साइकिलों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है जबकि चीन पहले स्थान पर है. भारत प्रति वर्ष करीब 5 करोड़ साइकिलें बना रहा है जबकि चीन सालाना करीब 22 करोड़ साइकिलें बना रहा है. चीन अब दुनिया पर अपनी पकड़ बना चुका है. भारत चीन से करीब 101 लाख अरब डॉलर का आयात कर रहा है जबकि निर्यात घटकर 16 लाख अरब डॉलर रह गया है.
लुधियाना की भोगल इंडस्ट्री ने किया शुभारंभ: चीन ने साइकिल उद्योग में यूरोप को पूरी तरह से कब्जा कर लिया है. जहां कभी भारत का दबदबा था भारत ने लुधियाना की भोगल इंडस्ट्रीज के साथ 1962 में यूरोप को सबसे पहले साइकिल पार्ट्स का निर्यात किया था. लेकिन अब चीन ने इस पर कब्जा कर लिया है क्योंकि चीनी तकनीक और सस्ते माल के कारण भारतीय साइकिलों की मांग खत्म होती जा रही है.
नई तकनीक में पीछे है भारत: उन्नत तकनीक के कारण चीन लगातार साइकिल उद्योग में आगे बढ़ रहा है. इसमें गियर ज्यादा हैं, जबकि भारत अभी भी सिर्फ गियर ही बना पा रहा है, विदेशों से आयात कर रहा है.
डीलरशिप बनकर रह गया है भारतीय बाजार: साथ ही चीन ने कार्बन से आगे की तकनीक खोज ली है, लेकिन हम अभी भी सरकारी नीतियों के कारण पीछे हैं क्योंकि नई तकनीक हमारे पास नहीं आ रही है. इस वजह से भारत का बाजार अब डीलरशिप बनकर रह गया है जो चीन से कच्चा माल खरीदता है और उस पर लेबल लगाकर यहां बेचता है.