रुद्रप्रयाग:जिले की रानीगढ़ पट्टी के सभा कोट की 30 महिलाएं पांच हेक्टेयर वन भूमि में वर्षा जल संरक्षण को लेकर लगातार एक महीने से कार्य कर रही हैं. महिलाओं की ओर से 200 चाल, खाल, खतियां तथा रिसाव पिटों का निर्माण किया गया है. वर्षा होने पर अभी तक एक लाख लीटर जल भंडारण होकर भूमिगत हुआ है. इस कार्य की शुरूआत गांव के ऊपर वाले वन क्षेत्र में की गयी, जिस कारण गांव के आस-पास के पानी के स्रोत रिचार्ज हो सकें और भूमिगत जल स्तर में बढ़ोत्तरी हो सके.
ग्राम कोट की महिलाओं ने जल संरक्षण को लेकर मिश्रित पौधों के रोपण को लेकर पांच सौ गड्डों का निर्माण किया. इनमें हरेला पर्व पर पौधों को लगाया जाएगा. इस मिश्रित वन में आर्थिकी से जुड़ने के लिए रिंगाल के पौधों का रोपण भी किया जायेगा, जो कि भविष्य में कुटीर लघु हस्तशिल्प उद्योग में मददगार साबित होंगे। इसके अलावा जल संरक्षण के साथ-साथ इस वन को मिश्रित वन के आधार पर विकसित किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें 50 प्रजाति के हिमालयी पौधों का रोपण किया जायेगा. इन पौधों में बांज, बुरांश, काफल, देवदार, भमोर, चमखड़ी प्रमुख हैं. इस कार्य में पर्यावरण विशेषज्ञ देवराघवेन्द्र सिंह महिलाओं का मार्ग-दर्शन रहे हैं. उन्होंने कहा कि सिंगलास देवता मिश्रित वन को महिलाओं व ग्राम प्रधान के सहयोग से पर्यावरण संरक्षण का विश्वव्यापी माॅडल बनाया जायेगा, जिसमें एक हजार मिश्रित पौधों को रोपित किया जायेगा.
ग्राम प्रधान कोट सुमन देवी ने कहा कि यह उनके लिए खुशी का पल है. पूरे जिले में उनकी ग्राम सभा में सबसे पहले और वृदह स्तर पर पर्यावरण के लिए जल तथा वन संरक्षण पर कार्य किया जा रहा है. उन्होंने मनरेगा योजना का धन्यवाद किया, जिस कारण महिलाएं रोजगार से भी लाभान्वित हो रही हैं. मनरेगा योजना से उनकी ग्राम सभा में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य हो रहा है. इस कार्यक्रम में पिछले एक माह से महिलाओं का सहयोग कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता जयकृत सिंह चौधरी ने कहा कि उनकी ग्राम सभा के लिए गर्व की बात है. जब से जल संरक्षण का कार्य सफल हुआ है, उनके गांवों के आस-पास पानी के स्रोत रिचार्ज होने लगे हैं. इस कार्य से प्रेरणा लेकर अन्य ग्राम सभाओं में भी जल संरक्षण का कार्य शुरू होने लगा है.
छात्र भी सीख रहे जल संरक्षण के गुर- प्रो भारती:महिलाओं के इस जल एवं मिश्रित वन संरक्षण अभियान से जुड़े नमामि गंगे नोडल अधिकारी रुद्रप्रयाग प्रो डाॅ बिक्रम वीर भारती ने कहा कि ग्राम सभा कोट की महिलाएं जल संरक्षण की दिशा में मिसाल कायम कर रही हैं. समय-समय पर उनके महाविद्यालय रुद्रप्रयाग के छात्र-छात्राएं भी महिलाओं के इस कार्य का अवलोकन करने आ रहे हैं तथा महिलाओं से पारंपरिक जल संरक्षण के प्रयोग के गुर सीखकर अपने-अपने गांव में अपनाने का संकल्प ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि महिलाओं द्वारा किया गया जल संरक्षण का यह प्रयोग नयी पीढ़ी के लिए मार्ग-दर्शन का कार्य कर रहा है. उन्होंने भविष्य में भी महिलाओं की हरसंभव मदद करने की बात कही है.