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उत्तराखंड निकाय चुनाव प्रचार में स्थानीय मुद्दे गायब, सीएम धामी जनता को बता रहे हैं ये उपलब्धियां - UTTARAKHAND CIVIC ELECTIONS 2025

बीजेपी ने स्थानीय निकाय चुनाव में लैंड जिहाद, थूक जिहाद, अलगाववाद, आतंकवाद को बनाया मुद्दा, बीजेपी के प्रचार के सामने कमजोर दिख रही कांग्रेस

UTTARAKHAND CIVIC ELECTIONS 2025
सीएम धामी ने बदला प्रचार का रुख (PHOTO- ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 21, 2025, 10:31 AM IST

देहरादून (किरनकांत शर्मा): उत्तराखंड निकाय चुनाव के प्रचार का आज मंगलवार को अंतिम दिन है. आज शाम 5 बजे के बाद प्रचार बंद हो जाएगा. 23 जनवरी को उत्तराखंड में मतदान होगा. 25 जनवरी को चुनाव परिणाम आने के साथ ही यह तय हो जाएगा कि आखिरकार उत्तराखंड के निकाय चुनाव में कौन सी पार्टी अपना कब्जा करने में कामयाब रही है.

उत्तराखंड निकाय चुनाव से स्थानीय मुद्दे गायब: सीएम धामी ने बीजेपी की ओर से चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी है. कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक सीएम धामी की जनसभाएं और रोड शो हो रहे हैं. उत्तराखंड के इन निकाय चुनाव में प्रचार का स्तर इतना बढ़ गया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह ही लोगों को लैंड जिहाद, अलगाववाद और आतंकवाद जैसे मुद्दों को भी रखना पड़ रहा है.

इन मुद्दों पर मांगे जा रहे हैं वोट: लोकसभा और विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता ने देखा कि कैसे देश के बड़े मुद्दे प्रदेश के चुनाव में भी हावी दिखाई दिए थे. वही मुद्दे इन दिनों निकाय चुनाव प्रचार में भी उछल रहे हैं. खासकर कश्मीर का 370 मुद्दा, पत्थरबाजी का मुद्दा और जमीनों पर कब्जा करके लैंड जिहाद का मुद्दा निकाय चुनाव में भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उठा रहे हैं. चार दिन पहले बागेश्वर के उत्तरायणी मेले में रोटी को गंदाकर बनाते हुए लोगों का वीडियो वायरल हुआ था.

बागेश्वर की घटना ने बदली प्रचार की दिशा: उस दिन से ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने प्रचार का पूरा का पूरा स्वरूप ही बदल दिया. बागेश्वर की रैली से कही गई बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हर चुनावी रैली में दोहरा रहे हैं. यानी बीजेपी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपना स्टैंड बिल्कुल साफ कर चुके हैं कि चुनाव बड़ा हो या छोटा, कांग्रेस को जिस मुद्दे पर सबसे ज्यादा घेरा जा सकता है, उस मुद्दे को वह हर रैली हर कार्यक्रम में जनता तक पहुंचाने का काम करेंगे.

धामी ने बदला प्रचार का रुख: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा हो या काशीपुर, बागेश्वर तक की रैली में लैंड जिहाद, अलगाववाद और अतिक्रमण जैसे मुद्दों को छेड़ कर कांग्रेस को घेरने का काम किया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने काशीपुर में हुई रैली में कहा कि जिस तरह से उत्तरायणी मेले में कुछ लोगों का वीडियो वायरल हुआ, हम इन हरकतों को जरा भी बर्दाश्त नहीं करेंगे. राज्य में थूक जिहाद, लैंड जिहाद और अतिक्रमण के खिलाफ उनकी सरकार लगातार कानून बना रही है और ऐसे लोगों को पर कार्रवाई भी की जा रही है.

प्रचार में निशाने पर कांग्रेस: सीएम धामी ने सोमवार 20 जनवरी को भी मसूरी और उत्तरकाशी की रैली में जनता को बताया कि कैसे राज्य में कांग्रेस उन लोगों के साथ खड़ी है, जो लोग देश के खिलाफ काम कर रहे हैं. मसूरी जैसे सैनिक बाहुल्य क्षेत्र में जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अलगाववादी, आतंकवादी और जिहादी मानसिकता वाले लोगों को हम जरा भी नहीं बख्शेंगे. उत्तरकाशी की रैली में भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गौकशी, लैंड जिहाद जैसे मुद्दों को जनता के सामने रखा.

बीजेपी की खासियत यही, लेकिन होनी चाहिए इन मुद्दों पर बातें: राजनीतिक जानकार जय सिंह रावत कहते हैं कि बीजेपी की यही खासियत है कि वह छोटा चुनाव हो या बड़ा चुनाव, उसको अपने स्टैंड पर ही लड़ती है. जिन चुनावों में सड़क, बिजली, पानी जैसी सुविधाओं पर बात होनी चाहिए, उसमें भी बीजेपी अगर नेशनल मुद्दे उठा रही है, तो समझ लीजिए की बीजेपी को सुनने वाली क्लास अलग है. जय सिंह रावत कहते हैं कि-

अच्छा होता कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही पार्टियों के नेता छोटी सरकार के छोटे मुद्दों पर बातचीत करते. लोकसभा और विधानसभा चुनावों में इन मुद्दों को जनता सुन चुकी है. इन निकाय चुनाव में तो गली मोहल्ले चौक चौराहों की बात होती है. यह इस चुनाव की खासियत भी है. लेकिन बीजेपी हर छोटे चुनाव को भी उसी तरह से लड़ती है जिस तरह से किसी बड़े चुनाव को लड़ा जाता है. कांग्रेस यहीं पर लगातार मार खा रही है. उसका खामियाजा पार्टी भुगत भी रही है. इस पूरे चुनाव में कांग्रेस का कोई भी नेता चुनाव लड़ता हुआ नहीं दिखाई दिया.
-जय सिंह रावत, वरिष्ठ पत्रकार-

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देहरादून (किरनकांत शर्मा): उत्तराखंड निकाय चुनाव के प्रचार का आज मंगलवार को अंतिम दिन है. आज शाम 5 बजे के बाद प्रचार बंद हो जाएगा. 23 जनवरी को उत्तराखंड में मतदान होगा. 25 जनवरी को चुनाव परिणाम आने के साथ ही यह तय हो जाएगा कि आखिरकार उत्तराखंड के निकाय चुनाव में कौन सी पार्टी अपना कब्जा करने में कामयाब रही है.

उत्तराखंड निकाय चुनाव से स्थानीय मुद्दे गायब: सीएम धामी ने बीजेपी की ओर से चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी है. कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक सीएम धामी की जनसभाएं और रोड शो हो रहे हैं. उत्तराखंड के इन निकाय चुनाव में प्रचार का स्तर इतना बढ़ गया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह ही लोगों को लैंड जिहाद, अलगाववाद और आतंकवाद जैसे मुद्दों को भी रखना पड़ रहा है.

इन मुद्दों पर मांगे जा रहे हैं वोट: लोकसभा और विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता ने देखा कि कैसे देश के बड़े मुद्दे प्रदेश के चुनाव में भी हावी दिखाई दिए थे. वही मुद्दे इन दिनों निकाय चुनाव प्रचार में भी उछल रहे हैं. खासकर कश्मीर का 370 मुद्दा, पत्थरबाजी का मुद्दा और जमीनों पर कब्जा करके लैंड जिहाद का मुद्दा निकाय चुनाव में भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उठा रहे हैं. चार दिन पहले बागेश्वर के उत्तरायणी मेले में रोटी को गंदाकर बनाते हुए लोगों का वीडियो वायरल हुआ था.

बागेश्वर की घटना ने बदली प्रचार की दिशा: उस दिन से ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने प्रचार का पूरा का पूरा स्वरूप ही बदल दिया. बागेश्वर की रैली से कही गई बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हर चुनावी रैली में दोहरा रहे हैं. यानी बीजेपी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपना स्टैंड बिल्कुल साफ कर चुके हैं कि चुनाव बड़ा हो या छोटा, कांग्रेस को जिस मुद्दे पर सबसे ज्यादा घेरा जा सकता है, उस मुद्दे को वह हर रैली हर कार्यक्रम में जनता तक पहुंचाने का काम करेंगे.

धामी ने बदला प्रचार का रुख: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा हो या काशीपुर, बागेश्वर तक की रैली में लैंड जिहाद, अलगाववाद और अतिक्रमण जैसे मुद्दों को छेड़ कर कांग्रेस को घेरने का काम किया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने काशीपुर में हुई रैली में कहा कि जिस तरह से उत्तरायणी मेले में कुछ लोगों का वीडियो वायरल हुआ, हम इन हरकतों को जरा भी बर्दाश्त नहीं करेंगे. राज्य में थूक जिहाद, लैंड जिहाद और अतिक्रमण के खिलाफ उनकी सरकार लगातार कानून बना रही है और ऐसे लोगों को पर कार्रवाई भी की जा रही है.

प्रचार में निशाने पर कांग्रेस: सीएम धामी ने सोमवार 20 जनवरी को भी मसूरी और उत्तरकाशी की रैली में जनता को बताया कि कैसे राज्य में कांग्रेस उन लोगों के साथ खड़ी है, जो लोग देश के खिलाफ काम कर रहे हैं. मसूरी जैसे सैनिक बाहुल्य क्षेत्र में जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अलगाववादी, आतंकवादी और जिहादी मानसिकता वाले लोगों को हम जरा भी नहीं बख्शेंगे. उत्तरकाशी की रैली में भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गौकशी, लैंड जिहाद जैसे मुद्दों को जनता के सामने रखा.

बीजेपी की खासियत यही, लेकिन होनी चाहिए इन मुद्दों पर बातें: राजनीतिक जानकार जय सिंह रावत कहते हैं कि बीजेपी की यही खासियत है कि वह छोटा चुनाव हो या बड़ा चुनाव, उसको अपने स्टैंड पर ही लड़ती है. जिन चुनावों में सड़क, बिजली, पानी जैसी सुविधाओं पर बात होनी चाहिए, उसमें भी बीजेपी अगर नेशनल मुद्दे उठा रही है, तो समझ लीजिए की बीजेपी को सुनने वाली क्लास अलग है. जय सिंह रावत कहते हैं कि-

अच्छा होता कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही पार्टियों के नेता छोटी सरकार के छोटे मुद्दों पर बातचीत करते. लोकसभा और विधानसभा चुनावों में इन मुद्दों को जनता सुन चुकी है. इन निकाय चुनाव में तो गली मोहल्ले चौक चौराहों की बात होती है. यह इस चुनाव की खासियत भी है. लेकिन बीजेपी हर छोटे चुनाव को भी उसी तरह से लड़ती है जिस तरह से किसी बड़े चुनाव को लड़ा जाता है. कांग्रेस यहीं पर लगातार मार खा रही है. उसका खामियाजा पार्टी भुगत भी रही है. इस पूरे चुनाव में कांग्रेस का कोई भी नेता चुनाव लड़ता हुआ नहीं दिखाई दिया.
-जय सिंह रावत, वरिष्ठ पत्रकार-

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