देहरादून: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. इसी क्रम में आज मॉक ड्रिल के तहत हैंड्स ऑन ट्रेनिंग का आयोजन किया गया. इसी बीच कॉमन सर्विस सेंटर के कर्मचारियों की ओर से यूसीसी पोर्टल पर आवेदन किया गया और रजिस्ट्रार की ओर से आवेदन को एक्सेप्ट और रिजेक्ट किया गया. इसके अलावा, यूसीसी पोर्टल की प्रक्रिया से संबंधित वीडियो ट्यूटोरियल भी तैयार किया गया है, जिसे संबंधित अधिकारियों को भेजा जा रहा है.
यूनिफॉर्म सिविल कोड नियमावली को मिल चुकी मंजूरी: बता दें कि 20 जनवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड नियमावली को मंजूरी मिल गई है. इसके बाद शासन स्तर से यूसीसी लागू करने की प्रक्रिया तेज हो गई है. यूसीसी के इंप्लीमेंटेशन को लेकर अधिकारियों का ट्रेनिंग सेशन पूरा हो गया है. करीब 10 से 15 दिन तक चले ट्रेनिंग सेशन में उन अधिकारियों को ट्रेनिंग दी गई है, जो यूसीसी को लागू करने में सहयोगी होंगे.
एसडीएम, डिस्ट्रिक्ट एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, टैक्स इंस्पेक्टर, नगर आयुक्त और स्टैंप एंड रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के अधिकारी शामिल हैं. इन अधिकारियों को जो ट्रेनिंग दी गई है, उसमें मुख्य रूप से यूसीसी पोर्टल को किस तरह से चलाना है, इसके बारे में जानकारी दी गई है.
अधिकारियों को मिली थ्योरिटिकल ट्रेनिंग: अधिकारियों को थ्योरिटिकल ट्रेनिंग भी दी गई है, ताकि उनको इस बात की जानकारी हो कि-
उनके पास जो भी आवेदन आएगा, उसको एप पर किस तरह से एक्सेप्ट करना है और किन कारणों से आवेदन को रिजेक्ट करना है. इसके अलावा ट्रेनिंग दी गई कि किस तरह से अपील की जा सकती है और अपील का निस्तारण कैसे होगा. कॉमन सर्विस सेंटर के कर्मचारी को भी ट्रेनिंग दी गई है, क्योंकि तमाम लोग खुद से आवेदन नहीं कर सकते हैं. ऐसे में लोग सीएससी के जरिए भी आवेदन कर सकते हैं.
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद मॉक ड्रिल का आयोजन: मुख्यमंत्री के सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि-
सभी लोगों की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद आज मंगलवार को मॉक ड्रिल कराया गया है, जिसमें सभी अधिकारियों को हैंड्स ऑन ट्रेनिंग दी गई है. इस मॉक ड्रिल के तहत सीएसी के कर्मचारियों की ओर से आवेदन किया गया. साथ ही रजिस्ट्रार की ओर से आवेदन को एक्सेप्ट और रिजेक्ट किया गया है. मॉक ड्रिल करने का मुख्य उद्देश्य भविष्य में अधिकारियों को कोई दिक्कत ना होना है.
-शैलेश बगोली, सचिव, मुख्यमंत्री-
यूसीसी पोर्टल से संबंधित वीडियो ट्यूटोरियल्स तैयार: उन्होंने बताया कि यूसीसी पोर्टल पर काम करने से संबंधित हिंदी में वीडियो ट्यूटोरियल्स भी तैयार किया गया है, जिसको यूसीसी पोर्टल से जुड़े सभी अधिकारियों को उपलब्ध कराया जा रहा है. ऐसे में-
अगर भविष्य में अधिकारियों को प्रोसेस समझने या करने में कोई दिक्कत आती है, तो वो वीडियो ट्यूटोरियल के जरिए प्रक्रिया को समझ सकेंगे. इसके अलावा आईटीडीए में एक हेल्पलाइन डेस्क भी बनायी गयी है. लिहाजा किसी को कोई टेक्निकल दिक्कत होती है, तो हेल्पलाइन डेस्क में फोन कर अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं.
यूनिफॉर्म सिविल कोड का मार्च 2024 में हुआ था नोटिफेकशन: मुख्यमंत्री के सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का नोटिफेकशन मार्च 2024 में हुआ था, जिसमें ये व्यवस्था दी गई कि-
यूसीसी का एक्ट सभी पर्सनल लॉ को सुपरसीड करेगा. यानी यूसीसी एक्ट में अगर कोई व्यवस्था दी गई है, तो उस सीमा तक जो पर्सनल लॉ या फिर कोई अन्य लॉ है, वो निष्प्रभावी हो जाएंगे और यूसीसी लागू होगा. उन्होंने कहा कि जो रूल्स बनाए गए हैं, वो एक्ट के अनुसार ही बनते हैं. ऐसे में एक्ट के किसी भी प्रोविजन को डाइल्यूट कर दे ये पावर रूल मेकिंग प्रोसेस में नहीं होती है. यानी एक्ट हमेशा सुपरसीड करता है. साथ ही जो रूल्स होते हैं, वो एक्ट के प्रावधानों को लागू करने के लिए सिर्फ प्रोसीजर या नियम बनाते हैं.
-शैलेश बगोली, सचिव, मुख्यमंत्री-
यूसीसी पोर्टल का मोबाइल एप भी डेवलप: शैलेश बगौली ने बताया कि-
उत्तराखंड में अधिकांश जगहों पर इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध हो गई है. ऐसे में अगर जो कुछ दूरस्थ क्षेत्र छूटे हुए हैं, उनको देखते हुए सीएससी के माध्यम से भी सुविधा दी जा रही है, क्योंकि प्रदेश के लगभग सभी ग्रामीण क्षेत्रों में कॉमन सर्विस सेंटर की सुविधा उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि यूसीसी पोर्टल का मोबाइल एप भी डेवलप किया गया है. लिहाजा मोबाइल एप के माध्यम से भी लोग आवेदन कर सकते हैं.
-शैलेश बगोली, सचिव, मुख्यमंत्री-
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