पानीपत: 1 नवंबर 1966 को हरियाणा राज्य का गठन हुआ था. इन 58 सालों में 14 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. हैरानी की बात ये है कि हरियाणा की सिर्फ 6 महिलाएं ही अभी तक संसद भवन पहुंची हैं. हरियाणा में वर्तमान में 10 लोकसभा और 5 राज्यसभा सीटें हैं. इन सीटों पर महिलाओं की भागीदारी ना के बराबर है. हरियाणा की चार लोकसभा सीट तो ऐसी हैं. जहां आज तक कोई महिला सांसद नहीं चुनी गई.
फिलहाल लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वोटिंग होनी है. बीजेपी ने दस में से मात्र एक सीट पर महिला उम्मीदवार उतारा है. बीजेपी ने अंबाला लोकसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रतनलाल कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया को टिकट दिया है. कांग्रेस के उम्मीदवारों का ऐलान अभी बाकी है.
हरियाणा से चुनी गई मात्र 6 महिला सांसद: हरियाणा में अभी तक भिवानी-महेंद्रगढ़, कुरुक्षेत्र, सिरसा और अंबाला से महिला सांसद चुनी गई हैं. इसके अलावा करनाल, सोनीपत, रोहतक, हिसार, गुरुग्राम और फरीदाबाद से अभी तक एक भी महिला सांसद नहीं चुनी गई.
हरियाणा में चंद्रावती बनी थी पहली महिला सांसद: हरियाणा में पहली महिला सांसद चंद्रावती बनी थी. साल 1977 में चंद्रावती ने भिवानी लोकसभा सीट से भारतीय लोकदल पार्टी की टिकट पर जनता पार्टी के उम्मीदवार चौधरी बंसीलाल को हराया था. बंसीलाल तब इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में रक्षा मंत्री थे. दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई करने वाली चंद्रवाती 6 बार विधायक और एक बार सांसद रहीं. साल 1964 से 1966 तक वो पंजाब सरकार और साल 1972 से 1974 में वो हरियाणा सरकार में मंत्री रहीं. 1990 में वो 11 महीने के लिए पुडुचेरी की उपराज्यपाल रही. 92 साल की उम्र में नवंबर 2020 में कोरोना की वजह से उनकी मौत हो गई.
कुमारी सैलजा के नाम सबसे ज्यादा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड: कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा एकमात्र ऐसी महिला हैं जो 4 बार लोकसभा सांसद चुनी गई हैं और एक बार राज्यसभा सांसद रहीं. साल 1991 और 1996 में वो सिरसा, साल 2004 से 2009 में अंबाला लोकसभा सीट से सांसद चुनी गई. सैलजा 2014 से 2019 तक राज्यसभा सांसद भी रह चुकी हैं. सैलजा केंद्र सरकार में तीन बार मंत्री भी रह चुकी हैं.
कुरुक्षेत्र सीट से कैलाशो देवी चुनी गई सांसद: साल 1998 से 2004 तक कैलाशो सैनी इनेलो की टिकट पर कुरुक्षेत्र से सांसद चुनी गई. कैलाशो देवी ने ये मिथक तोड़ा था कि कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर बाहरी उम्मीदवारों की जीत होती है. कैलाशो देवी पहली ऐसी स्थानीय उम्मीदवार बनी जिन्होंने इस सीट पर जीत दर्ज की. उन्हें छोड़कर बाहरी उम्मीदवारों ने ही अभी तक इस सीट पर जीत दर्ज की है.
सुधा यादव गुरुग्राम सीट से बनी सांसद: साल 1999 में गुरुग्राम लोकसभा सीट से बीजेपी की टिकट पर डॉक्टर सुधा यादव ने तत्कालीन कांग्रेस उम्मीदवार राव इंद्रजीत को हराकर जीत दर्ज की. इसके बाद साल 2009 में भिवानी सीट से कांग्रेस की श्रुति चौधरी ने जीत दर्ज की. इसके अलावा साल 1998-1999 में कुरुक्षेत्र सीट से कैलाशो सैनी सांसद चुनी गईं. इसी तरह सुनीता दुग्गल साल 2019 में सिरसा सीट से भाजपा की टिकट पर सांसद चुनी गईं. अब उनकी जगह अशोक तंवर को बीजेपी ने सिरसा सीट से उम्मीदवार बनाया है.
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