नई दिल्ली:रतन टाटा ने 2013 में खुलासा किया था कि वह प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एक नए छात्र के रूप में भ्रमित और अपमानित महसूस करते थे. हार्वर्ड परिसर में अपने पहले सप्ताह को याद करते हुए टाटा ने बताया कि प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में जाना कितना चुनौतीपूर्ण था और वह संस्थान छोड़ने के लिए दिनों की उल्टी गिनती कर रहे थे.
टाटा ने कहा, "यह मेरे जीवन का एकमात्र ऐसा समय था, जब मैं बैठा और रोजाना कैलेंडर में क्रॉस का निशान लगाता और सोचता कि सामान्य दुनिया में लौटने से पहले कितने दिन बचे हैं." बता दें कि टाटा ने 1975 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (HBS) के एडवांस मैनेजमेंट में एडमिशन लिया था.
भ्रमित, सहपाठियों ने किया अपमानित
2013 में उन्हें बोस्टन में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (HBS) में टाटा हॉल के डेडिकेशन सेरेमनी में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था, जिसका नाम उनके नाम पर रखा गया था. बता दें कि टाटा हॉल एक सात मंजिला, कांच और चूना पत्थर से बनी इमारत है, जिसमें एचबीएस के कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रम के लिए रेसिडेंशियव और लर्निंग स्पेस शामिल है.
हार्वर्ड गजट की एक रिपोर्ट के अनुसार, टाटा ने कहा कि हार्वर्ड में उनके पहले कुछ सप्ताह भ्रमित करने वाले थे और उन्होंने अपने साथी छात्रों की प्रभावशाली उपलब्धियों से अपमानित महसूस किया. उन्होंने कहा, "लेकिन जैसा कि मुझे जल्द ही मेरा भ्रम खत्म हो गया और मैंने जो सीखा था उसकी महत्ता को मैं इस तरह समझ पाया कि यह सब इस बिजनेस स्कूल के अलावा अन्य स्थानों पर संभव नहीं है.