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क्यों हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को छोड़ना चाहते थे रतन टाटा? कैलेंडर पर हर दिन लगाते थे क्रॉस का निशान

हार्वर्ड में बिताए अपने समय को याद करते हुए रतन टाटा ने बताया था वह संस्थान छोड़ने के लिए दिनों की उल्टी गिनती करते थे.

क्यों हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को छोड़ना चाहते रत्न टाटा?
क्यों हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को छोड़ना चाहते रत्न टाटा? (Getty Images)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 10, 2024, 2:11 PM IST

नई दिल्ली:रतन टाटा ने 2013 में खुलासा किया था कि वह प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एक नए छात्र के रूप में भ्रमित और अपमानित महसूस करते थे. हार्वर्ड परिसर में अपने पहले सप्ताह को याद करते हुए टाटा ने बताया कि प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में जाना कितना चुनौतीपूर्ण था और वह संस्थान छोड़ने के लिए दिनों की उल्टी गिनती कर रहे थे.

टाटा ने कहा, "यह मेरे जीवन का एकमात्र ऐसा समय था, जब मैं बैठा और रोजाना कैलेंडर में क्रॉस का निशान लगाता और सोचता कि सामान्य दुनिया में लौटने से पहले कितने दिन बचे हैं." बता दें कि टाटा ने 1975 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (HBS) के एडवांस मैनेजमेंट में एडमिशन लिया था.

भ्रमित, सहपाठियों ने किया अपमानित
2013 में उन्हें बोस्टन में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (HBS) में टाटा हॉल के डेडिकेशन सेरेमनी में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था, जिसका नाम उनके नाम पर रखा गया था. बता दें कि टाटा हॉल एक सात मंजिला, कांच और चूना पत्थर से बनी इमारत है, जिसमें एचबीएस के कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रम के लिए रेसिडेंशियव और लर्निंग स्पेस शामिल है.

हार्वर्ड गजट की एक रिपोर्ट के अनुसार, टाटा ने कहा कि हार्वर्ड में उनके पहले कुछ सप्ताह भ्रमित करने वाले थे और उन्होंने अपने साथी छात्रों की प्रभावशाली उपलब्धियों से अपमानित महसूस किया. उन्होंने कहा, "लेकिन जैसा कि मुझे जल्द ही मेरा भ्रम खत्म हो गया और मैंने जो सीखा था उसकी महत्ता को मैं इस तरह समझ पाया कि यह सब इस बिजनेस स्कूल के अलावा अन्य स्थानों पर संभव नहीं है.

सबसे अहम 13 हफ्ते
उन्होंने कहा, "जब मैं पीछे देखता हूं, तो वे 13 हफ्ते शायद मेरे जीवन के सबसे अहम थे. उन्होंने मुझे और मेरे दृष्टिकोण को बदल दिया." एक आर्किटेक्चर के रूप में टाटा चाहते थे कि टाटा हॉल विजिटर्स के लिए गर्मजोशी और स्वागत करने वाला हो, जितना संभव हो उतना खुला रहे और पारदर्शी हो.

एचबीएस को 50 मिलियन डॉलर का दान
गौरतलब है कि टाटा कंपनियों, सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और टाटा एजुकेशन एंड डेवलपमेंट ट्रस्ट ने 2010 में एचबीएस को 50 मिलियन डॉलर का दान दिया था. इसके बाद इमारत का निर्माण दिसंबर 2011 में शुरू हुआ था. इमारत में 179 बेडरूम, 99 सीटों वाली दो कक्षाएं, तीन सभा स्थल और 9,000 से अधिक छात्रों के लिए सम्मेलन कक्ष हैं, जो हर साल प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूल के कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रम में भाग लेते हैं.

हार्वर्ड के डीन नितिन नोहरिया ने कहा, "हालांकि हमारे स्कूल ने 1908 में अपनी पहली कक्षा से ही अंतरराष्ट्रीय छात्रों का स्वागत किया है, लेकिन टाटा हॉल अब तक किसी अंतरराष्ट्रीय छात्र द्वारा दिया गया सबसे महत्वपूर्ण उपहार है."

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