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41 साल बाद पीएम मोदी का आस्ट्रिया दौरा, जानिए क्यों है इतना महत्वपूर्ण? - PM Modi visit to Austria

PM Modi visit to Austria: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिनों की रूस और आस्ट्रिया यात्रा पर जाने वाले हैं. पीएम मोदी पुतिन से तमाम मुद्दों पर बात करेंगे. वहीं, 41 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री आस्ट्रिया दौरा करने वाला है. पढ़ें ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की यह रिपोर्ट...

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 6, 2024, 7:39 AM IST

Updated : Jul 6, 2024, 8:17 AM IST

PM MODI VISIT TO AUSTRIA
41 साल बाद पीएम मोदी का आस्ट्रिया दौरा (IANS)

नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई के दूसरे सप्ताह की शुरुआत 8 और 9 तारीख को रूस की यात्रा पर जाने वाले हैं. इस दौरे पर वे राष्ट्रपति पुतिन से तमाम मुद्दों पर बातचीत करेंगे. रूस की यात्रा के बाद पीएम मोदी 9 और 10 जुलाई को आस्ट्रिया भी जाएंगे. जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी पहले प्रधानमंत्री होंगे, जो 41 साल बाद आस्ट्रिया का दौरा करेंगे.

बता दें, आस्ट्रिया के चांसलर के निमंत्रण के बाद पीएम मोदी यात्रा पर जा रहे हैं. यह पीएम मोदी की पहली आस्ट्रिया यात्रा होगी. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान वे आस्ट्रिया के राष्ट्रपति से भी मुलाकात करेंगे. इसके बाद वे दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौतों के बढ़ाने के लिए एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल से भी वार्ता करेंगे.

वहीं, पीएम मोदी की आस्ट्रिया दौरे को लेकर विदेश मंत्रालय के सचिव और राजदूत पवन कपूर ने कहा कि आस्ट्रिया के साथ हमारे संबंध अच्छे और मजबूत रहे हैं. इस बार हमारा ध्यान नवाचार और टेक्नोलॉजी पर ज्यादा रहेगा. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने साल 1971 और 1983 में इस देश की यात्रा की थी. वहीं, देश के पहले प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू भी 1955 में इस देश का दौरा कर चुके हैं.

नवंबर 1999 में, तत्कालीन भारतीय राष्ट्रपति केआर नारायणन ने ऑस्ट्रिया की भारत की पहली राजकीय यात्रा की, जिसके बाद 2011 में पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने देश की यात्रा की. 2014 में देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही मोदी ने ऑस्ट्रिया के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखे हैं. पहले कार्यकाल में पीएम मोदी ने 2 जून, 2017 को सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकनोमिक फोरम के दौरान तत्कालीन ऑस्ट्रियाई चांसलर क्रिश्चियन कर्न के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी.

भारत और ऑस्ट्रिया के बीच राजनयिक संबंध भी हैं जो पिछले कुछ वर्षों में सकारात्मक रूप से विकसित हुए हैं. बता दें, दोनों देशों ने 1949 में राजनयिक संबंध स्थापित किए थे. ऑस्ट्रिया ने 1947 में भारत की स्वतंत्रता को मान्यता दी और दोनों देशों के एक-दूसरे की राजधानियों में दूतावास भी हैं.

दरअसल, भारत और ऑस्ट्रिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगातार बढ़ रहा है. ऑस्ट्रिया भारत को मशीनरी, ऑटोमोटिव पार्ट्स और रसायन निर्यात करता है, जबकि भारत ऑस्ट्रिया को कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स और रसायन निर्यात करता है. प्रौद्योगिकी और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में आगे सहयोग की संभावना है.

यह ध्यान देने योग्य है कि दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय यात्राओं ने राजनीतिक संबंधों को मजबूत किया है. दोनों देशों के अधिकारी जलवायु परिवर्तन और सतत विकास सहित विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर एक-दूसरे को सहयोग करते हैं.

इसके अलावा, ऑस्ट्रिया ने भारत में विभिन्न विकास परियोजनाओं का समर्थन किया है, खासकर अक्षय ऊर्जा और सतत विकास जैसे क्षेत्रों में. दोनों देश वैश्विक चिंता के मुद्दों पर बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग करते हैं.

पढ़ें:भारत-रूस शिखर सम्मेलन: मोदी और पुतिन द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम की समीक्षा करेंगे - India Russia summit

Last Updated : Jul 6, 2024, 8:17 AM IST

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